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बुलढाणा: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का ऐलान होने में बस कुछ दिन का समय बचा है। भारतीय चुनाव आयोग की टीम पिछले दिनों दो दिवसीय महाराष्ट्र दौरे पर थी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग की टीम ने स्थितियों का जायजा लिया साथ ही तैयारियों को लेकर प्रशासनीक अधिकारियों और राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात कर चुनाव के बारे में सुझाव मांगे।
चुनाव आयोग की तैयारियां जोरों में पर है ऐसे में हम भी आपके लिए हर विधानसभा सीट का गुणा गणित लेकर आ रहे हैं। विनधासभा सीटों के विश्लेषण की इस कड़ी में हम पहुंच चुके हैं बुलढाणा जिले में। आज हम बात करेंगे उस सीट की जहां पिछले कुछ सालों में एनसीपी के राजेंद्र शिंगणे का दबदबा रहा हैं।
बुलढाणा जिले की सिंदखेड राजा विधानसभा सीट बुलढाणा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। यह सीट 1978 में अस्तित्व में आई। इस सीट पर दलित और मुस्लिम मतदाता निर्णायक साबित होते हैं, जिनकी संख्या लगभग 28 फीसदी से अधिक है।
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सिंदखेड राजा विधानसभा सीट पर 2019 के विधानसभा के आंकड़ों के मुताबिक 312571 वाेटर्स हैं। जिसमें से दलित मतदाताओं की संख्या लगभग 68,105 है जो कि 21.33 फीसदी होती है। आदिवासी वाेटर्स की संख्या 2,618 है। वहीं इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की बात करें तो उनकी संख्या 22,351 है जो कि लगभग 7 प्रतिशत है।
2019 राजेंद्र शिंगणे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
2014 शशिकांत खेडेकर, शिवसेना
2009 राजेंद्र शिंगणे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
2004 राजेंद्र शिंगणे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
1999 राजेंद्र शिंगणे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
1995 राजेंद्र शिंगणे, निर्दलीय
1990 तोताराम कायंदे, निर्दलीय
1985 तोताराम कायंदे, भारतीय कांग्रेस (समाजवादी)
1980 भास्करराव शिंगने, पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया
1978 जयवंतराव खरात, कांग्रेस
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1978 में अस्तित्व में आई सिंदखेड राजा सीट पर पहली बार कांग्रेस के जयवंतराव खरात ने जीत दर्ज की। कांग्रेस में विभाजन के बाद बनी भारतीय कांग्रेस (समाजवादी) पार्टी के तोताराम कायंदे ने 1985 में यहां से जीत हासिल की। लेकिन 1990 में तोताराम कायंदे निर्दलीय चुनाव जीत गए। इसके बाद 1995 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में राजेंद्र शिंगणे को यहां की जनता ने विधायक के तौर पर चुना।
राजेंद्र शिंगणे ने अब तक पांच बार विधायक बन चुके हैं। 2014 में शिंगणे को हार सामना करना पड़ा। लेकिन 2019 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने एक बार राजेंद्र शिंगणे को यहां से मैदान में उतारा, और सिंदखेड की जनता ने राजेंद्र शिंगणे को एक बार फिर से यहां का विधायक बना दिया।
2024 के विधानसभा चुनाव में एनीसीपी के राजेंद्र शिंगणे के प्रतिष्ठा दांव पर होगी। सिंदखेड राजा विधानसभा सीट पर 1990 से लेकर अब तक केवल 2014 के चुनाव को छोड़ दिया जाए तो राजेंद्र शिंगणे का एक छत्र राज रहा है। फिर चाहे उन्होंने एनसीपी के टिकट पर मोर्च संभाला हो या फिर निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे हों। 2014 में जीत के कारण शिवसेना की भी इस सीट से जीत की उम्मीद जताई जा रही है।