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मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा के लिए नामांकन दाखिल करने की अवधि समाप्त होने के बाद महायुति और महा विकास अघाड़ी दोनों गठबंधन में बड़े तौर पर बगावती सुर नजर आ रहे है। 29 अक्टूबर को नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद मिली जानकारी के अनुसार महायुति में 38 और विपक्ष की महा अघाड़ी के 18 उम्मीदवारों ने बागी होकर निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है। इस वजह से दोनों गठबंधनों की मुश्किलें बढ़ गई है।
दो बार बीजेपी से सांसद रह चुके गोपाल शेट्टी को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिला था। इसलिए बोरिवली विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन भाजपा ने संजय उपाध्याय को टिकट दे दिया। इसी कारण शेट्टी नाराज हो गए और निर्दलीय के रूप में अपना नामांकन दाखिल कर दिया। शेट्टी द्वारा पर्चा दाखिल करने के बाद भाजपा का सिरदर्द बढ़ गया है।
उमरेड विधानसभा से राजू पारवे शिंदे गुट की शिवसेना के नेता हैं। पार्टी ने रामटेक से लोकसभा चुनाव लड़ाया था, लेकिन हार गए। विधानसभा चुनाव में यह सीट भाजपा के पास चली गई। भाजपा ने सुधीर पारवे को मैदान में उतारा है। टिकट नहीं मिलने के कारण राजू पारवे भी बागी हो गए और निर्दलीय पर्चा भर दिया।
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अंधेरी पूर्व विधानसभा में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी स्वीकृति शर्मा ने नामांकन दाखिल किया हैं। स्वीकृति शर्मा कुछ दिन पहले ही शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हुई थी। महायुति ने इस सीट से मुरजी पटेल को उम्मीदवार बनाया तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। चिंचवड सीट में नाना काटे एनसीपी के नेता ने पर्चा भर दिया। यह सीट भाजपा के पाले में चली गई। बीजेपी ने शंकर जगताप को उतारा है।
मानखुर्द-शिवाजी नगर विधानसभा से अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के नेता नवाब मलिक चुनाव लड़ रहे है। जबकि ये सीट एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पाले में है और शिंदे गुट ने यहां से सुरेश पाटिल को मैदान में उतारा है। वहीं दूसरी ओर अघाड़ी से सपा के विधायक अबू आसिम आजमी मैदान में है। नवाब मलिक को लेकर बीजेपी लगातार विरोध कर रही है।
काटोल सीट पर बीजेपी और अजित पवार की एनसीपी के बीच कलह है। एनसीपी में टूट के बाद मौजूदा विधायक अनिल देशमुख शरद पवार गुट के साथ चले गए। ऐसे में अब अजित गुट इस सीट पर दावा ठोकते हुए अपना उम्मीदवार उतार दिया है। जबकि बीजेपी ने एनसीपी के उम्मीदवार के खिलाफ चरण सिंह ठाकुर से नामांकन भरवाया है। पचोरा सीट पर शिंदे की शिवसेना ने किशोर पाटिल को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन बीजेपी के अमोल शिंदे ने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं।
बागी नेताओं की वजह से विपक्ष की महाविकास आघाडी में भी बिगाड़ी देखी जा रही है। पंढरपुर सीट से शरद पवार की एनसीपी (एसपी) की ओर से अनिल सावंत ने नामांकन भरा है, लेकिन सांवत के खिलाफ कांग्रेस के भगीरथ भालके भी मैदान में हैं। वहीं परांदा विधानसभा सीट से शिवसेना (यूबीटी) के रणजीत पाटिल ने पर्चा दाखिल किया है। इस सीट से शरद पवार की एनसीपी (एसपी) के पूर्व विधायक राहुल मोटे ने भी नामांकन भरा है।
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रामटेक विधानसभा सीट को लेकर महा विकास अघाड़ी के अंदर कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गुट के बीच संघर्ष चल रहा है। इस सीट से उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने विशाल बरबाटे काे टिकट दिया है। जबकि कांग्रेस के स्थानीय नेता व पूर्व मंत्री राजेंद्र मुलक ने भी अपना पर्चा दाखिल कर दिया है। सोलापुर दक्षिण से टिकट नहीं मिलने कांग्रेस के दिलीप माने भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
राजापुर विधानसभा सीट पर शिवसेना (यूबीटी) के राजन साल्वी के खिलाफ शिवसेना (यूबीटी) के ही उदय बन ने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है। वहीं कुर्ला में ठाकरे गुट ने प्रविणा मोरजकर को टिकट दिया है, लेकिन शरद पवार गुट की ओर से मिलिंद कांबले भी चुनाव मैदान में उतर गए हैं।