(डिजाइन फोटो)
अहिल्यानगर: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। 29 अब्टूबर नामांकन की अंतिम तिथि है। सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा करना भी शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र में पिछले पांच सालों में हुए राजनीतिक घटनाक्रम में पूरे राज्य के समीकरण बदल कर रख दिए है। पहले जहां दो या तीन दलों के बीच मुकाबला होता था। अब शिवसेना और एनसीपी में टूट के बाद कई सीटों पर एक ही पार्टी के दो गुटों में आपसी भिड़ंत होगी।
इस चुनावी माहौल में हम भी आप तक हर विधानसभा सीट की पूरी जानकारी लेकर पहुंच रहे है। हर सीट का विश्लेषण लेकर आ रहे है। विश्लेषण की इस कड़ी में आज बारी है। अहमदनगर यानी अहिल्यानगर जिले की अकोले विधानसभा सीट की। यहां पहले कांग्रेस तो अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का दबदबा है।
अकोले विधानसभा सीट पर कांग्रेस शुरुआती दौर में कांग्रेस का दबदबा रहा था। 1977 से यहां कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत विजयश्री हासिल की। लेकिन 1999 में समीकरण बदले और कांग्रेस से चार बार के विधायक मधुकर पिचड ने अपना पाला बदला और एनसीपी में आ गए। 1999 से 2009 तक वे एनसीपी की सीट से जीत कर आए।
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वहीं 2014 में मधुकर पिचड के बेटे वैभव को एनसीपी ने अपना उम्मीदवार बनाया और एक बार फिर इस सीट पर जीत दर्ज की। 2019 में एनसीपी ने किरण लहमाटे को अकोले सीट से चुनावी मैदान में उतारा। इस चुनाव में दांव सही साबित हुआ एनसीपी ने जीत दर्ज की।
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अकोले विधानसभा सीट एसटी कैटगरी के आरक्षित सीट है। यह अहिल्यानगर जिले में स्थित है। यह सीट शिर्डी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। यह पूरी तरह से आदिवासियों के दबदबे वाली सीट मानी जाती है। 2019 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक यहां कुल 2 लाख 54 हजार 749 वोटर्स है। 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां आदिवासी के मतदाताओं की संख्या लगभग 1 लाख 15 हजार 336 है, जो कि कुल वोट का 44.78 फीसदी है। इसके अलावा 11 हजार 539 यानी कुल वोट का 4.48 प्रतिशत एससी व 2 फीसदी के लगभग मुस्लिम वोटर्स भी हैं।
एनसीपी के एकछत्र राज वाली इस विधानसभा सीट से इस बार एनसीपी के दोनों गुट आमने सामने होंगे। अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने यहां से मौजूदा विधायक किरण लहमाटे को फिर से उम्मीदवार बनाया है। तो वहीं शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने अमित भांगरे को टिकट दिया है। ऐसे में इस बार एनसीपी बनाम एनसीपी की जंग मजेदार होने वाली है।