निरसा में चुनावी सभा के दौरान मिथुन चक्रवर्ती (सोर्स-सोशल मीडिया)
धनबाद: झारखंड चुनाव में प्रचार करने आए मशहूर अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती का पर्स मंच से ही चोरी हो गया। खबर मिलते ही स्थानीय भाजपा नेताओं में हड़कंप मच गया। भाजपा नेता मंच से ही पर्स लौटाने की अपील करते रहे। कहा जा रहा है कि सेल्फी लेने के दौरान किसी चोर ने मिथुन का पर्स चुरा लिया। मंच पर पर्स चोरी होने के अलावा सवाल यह भी है कि बंगाल भाजपा की राजनीति में निष्क्रिय हो चुके मिथुन झारखंड में प्रचार करने क्यों आए थे?
मिथुन चक्रवर्ती 2021 बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हुए थे। उस समय उन्हें सीएम बनाने की चर्चा थी, लेकिन भाजपा की योजना बंगाल में कारगर नहीं हुई। 77 सीटें जीतने वाली भाजपा विपक्ष की भूमिका में चली गई। सरकार नहीं आने पर मिथुन निष्क्रिय रहने लगे। पार्टी के कार्यक्रम से दूरी भी चर्चा में रही। कहा जाने लगा कि मिथुन दा संन्यास ले लेंगे। हालांकि, मिथुन का राजनीति में फिर से सक्रिय होना सवालों के घेरे में है।
मिथुन के पर्स चोरी का पूरा मामला धनबाद जिले के निरसा विधानसभा सीट का है। यहां मिथुन बीजेपी प्रत्याशी अपर्णा सेनगुप्ता के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे थे। प्रचार के दौरान मिथुन ने अपने कई पुराने डायलॉग से लोगों का मनोरंजन किया। इस दौरान मिथुन ने अपना मशहूर डायलॉग ‘मारबो एखाने, पोड़बे श्मशाने’ बोलकर खूब तालियां बटोरीं। लेकिन यहीं पर उनका पर्स किसी ने चोरी कर लिया। खैर उसे छोड़ते हुए हम मुद्दे पर आते हैं।
धनबाद की निरसा सीट पर बंगाली वोटरों का दबदबा है। झारखंड बनने के बाद यहां से चुने गए सभी विधायक बंगाली समुदाय से हैं। इस बार बीजेपी ने यहां अपर्णा सेनगुप्ता को मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला सीपीआई (एमएल) के अरूप चटर्जी से है। अरूप चटर्जी पहले भी यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं।
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2019 में अरूप इस सीट से 25 हजार वोटों से हार गए थे। हालांकि, अरूप की हार में बड़ी भूमिका निभाने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा इस बार उनके साथ है। निरसा विधानसभा में करीब 60 फीसदी मतदाता बंगाली हैं और जीत-हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा यहां की 12 फीसदी आबादी मुस्लिम है।
निरसा को कभी लाल दुर्ग के नाम से जाना जाता था, लेकिन 2019 में भाजपा ने अपर्णा को मैदान में उतारकर इस सीट पर कब्जा कर लिया। हालांकि, महागठबंधन के चलते इस बार यहां भाजपा की राह आसान नहीं दिख रही है। बंगाली वोटरों को लुभाने के लिए भाजपा ने यहां मिथुन चक्रवर्ती की रैली कराई थी, लेकिन आखिरकार यह रैली पर्स चोरी के चलते सुर्खियों में आ गई।
धनबाद की निरसा सीट पर 20 नवंबर को मतदान है। चुनाव आयोग के मुताबिक, इस विधानसभा में कुल 3,31,154 मतदाता हैं, जो विधायक का चुनाव करेंगे। निरसा विधानसभा में कुल 9 उम्मीदवार मैदान में हैं। यहां भी अन्य सीटों की तरह 23 नवंबर को मतगणना होगी। निरसा विधानसभा क्षेत्र बिहार के समय से ही अस्तित्व में है और यहां हमेशा से वाम दलों का दबदबा रहा है।
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