नाना पटोले व उद्धव ठाकरे (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए बुधवार का सिर्फ एक आखिरी दिन बचा है। इससे पहले विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी में असमंजस की स्थिति देखने को मिल रही है। गठबंधन में शामिल दो प्रमुख पार्टियों शिवसेना उद्धव गुट और कांग्रेस में कुछ सीटों पर घमासान की स्थिति उत्पन्न हो गई। इन दोनों पार्टियां में फ्रेंडली फाइट के नाम पर एक दूसरे को हराने का प्रयास शुरू हो गया।
ऐसा मंगलवार को बांद्रा-पूर्व में देखने को मिला। जहां पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वरुण सरदेसाई को अपनी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) और महाविकास अघाड़ी का उम्मीदवार घोषित किया है। लेकिन कांग्रेस उद्धव ठाकरे का निर्णय मानने को तैयार नहीं है।
कांग्रेस ने बांद्रा-पूर्व से अपने पुराने कार्यकर्ता अर्जुन सिंह का नामांकन दाखिल कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि ये महज किसी एक सीट की समस्या नहीं है, बल्कि ऐसा लगभग आधा दर्जन सीटों के मामले में होने जा रहा है।
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सत्तारूढ़ बीजेपी नीत महायुति सरकार को सत्ता से हटाने का दावा कर रहे महा विकास अघाड़ी के घटक दल मुंबई में आपस में ही भिड़ने की तैयारी में है। ऐसा वर्सोवा, घाटकोपर-पश्चिम, बांद्रा-पूर्व और भायखला सहित कुछ और सीटों पर चल रहा है।
मंगलवार को बांद्रा- पूर्व से उद्धव के उम्मीदवार वरुण सरदेसाई ने उम्मीदवारी अर्ज भरा। इससे पहले कांग्रेस के अर्जुन सिंह ने भी बांद्रा-पूर्व से ही उम्मीदवारी अर्ज दाखिल किया। अर्जुन सिंह ने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उद्धव ठाकरे की मनमानी से नाराज हैं। सीटों के बंटवारे की चर्चा के दौरान उद्धव ने बांद्रा-पूर्व सहित कई अन्य सीटों पर एकतरफा निर्णय लेते हुए अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। कांग्रेस इसे मानने को तैयार नहीं है।
कांग्रेस अपने जनाधार वाली सीट कतई छोड़ने को तैयार नहीं है। इसलिए पार्टी ने हमें फ्रेंडली फाइट के लिए पर्चा दाखिल करने का निर्देश दिया है। अर्जुन सिंह ने कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे और विरोधी उम्मीदवार तथा मौजूदा विधायक जीशान सिद्दीकी के साथ-साथ हमारे मित्र पक्ष के उम्मीदवार वरुण को भी हराएंगे।
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गौरतलब हो कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के बीच छिड़ी रार की एक वजह वर्सोवा सीट भी है। बांद्रा की तरह यहां से पूर्व मंत्री सुरेश शेट्टी, अवनीत सिंह, मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त संजय पांडे सहित कांग्रेस के तीन दर्जन से अधिक पुराने नेता चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने शनिवार को एकतरफा निर्णय लेते हुए वर्सोवा सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था।
इसके बाद कांग्रेस के इच्छुक बगावत पर उतर आए। अवनीत सिंह ने खुलकर बगावत का ऐलान कर दिया है। इसलिए गठबंधन या कार्यकर्ता ऐसे धर्म संकट में फंसी कांग्रेस ने कार्यकर्ता बचाने के लिए फ्रेंडली फाइट का निर्णय लिया है।
वैसे इसे कांग्रेस का प्रेशर गेम भी कहा जा रहा है। क्योंकि कांग्रेस ने मुंबई के हर लोकसभा क्षेत्र में कम से कम दो विधानसभा सीट और सांसद वर्षा गायकवाड़ के लोकसभा क्षेत्र में 4 सीट, इस तरह से मुंबई की 36 विधानसभा सीटों में से कम से कम 14 सीटों की मांग की थी। लेकिन उद्धव गुट इस पर राजी नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि कांग्रेस को मुंबई में अभी तक सिर्फ 10 सीटें ही मिली हैं। इसलिए कुछ और सीटें बढ़वाने के लिए कांग्रेस फ्रेंडली फाइट का दांव चल रही है।