साहेबपुर विधानसभा सीट (सोर्स- डिजाइन)
Sahebpur Assembly Constituency: बिहार के बेगूसराय जिले की साहेबपुर कमाल विधानसभा सीट आगामी चुनाव में फिर से राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गई है। यह सीट बेगूसराय के सात प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों में शामिल है और हर चुनाव में यहां की सियासी हलचल पूरे जिले को प्रभावित करती है।
साहेबपुर कमाल गंगा नदी के किनारे स्थित एक उपजाऊ और कृषि आधारित क्षेत्र है। चावल, गेहूं और मक्का की खेती यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। बाढ़ और सिंचाई की समस्याएं लंबे समय से बनी हुई हैं, लेकिन 2022 में स्वीकृत पुल परियोजना से विकास की उम्मीदें जगी हैं।
यह क्षेत्र रेल और सड़क नेटवर्क से अच्छी तरह जुड़ा है। मुजफ्फरपुर-दरभंगा रेल लाइन और एनएच-31 इसे प्रमुख शहरों से जोड़ते हैं। बरौनी औद्योगिक क्षेत्र की निकटता के बावजूद, यहां की 80 प्रतिशत आबादी आज भी कृषि पर निर्भर है, जो विकास की असमानता को दर्शाता है।
साहेबपुर कमाल विधानसभा सीट की स्थापना 2008 के परिसीमन के बाद हुई। 2010 में जदयू ने पहली जीत दर्ज की, लेकिन इसके बाद राजद ने 2014 के उपचुनाव समेत तीन बार इस सीट पर कब्जा जमाया। 2014 में परवीन अमानुल्लाह के इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में राजद के श्रीनारायण यादव विजयी रहे, जिन्होंने 2015 में भी जीत दोहराई।
2020 में राजद के सत्यनंद सम्बुद्ध ने जदयू के राकेश कुमार को हराकर सीट पर कब्जा बरकरार रखा। इससे पहले लोक जनशक्ति पार्टी ने एनडीए से अलग होकर उम्मीदवार उतारा, जिससे जदयू के वोट प्रतिशत पर असर पड़ा। अब एलजेपी (रामविलास) एनडीए में लौट चुकी है, जिससे गठबंधन की रणनीति फिर से मजबूत हो सकती है।
साहेबपुर कमाल में मतदान प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। 2015 में 58.57 प्रतिशत, 2019 में 62.33 प्रतिशत और 2020 में 62.87 प्रतिशत मतदान हुआ। यह बढ़ती भागीदारी राजनीतिक दलों के लिए संकेत है कि जनता अब अधिक सजग और सक्रिय हो रही है।
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इस क्षेत्र की कुल जनसंख्या 4.35 लाख से अधिक है, जिसमें पुरुषों की संख्या थोड़ी अधिक है। मतदाता सूची में करीब 2.68 लाख वोटर दर्ज हैं, जिनमें पुरुष, महिलाएं और थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। यह विविधता चुनावी रणनीति को प्रभावित करती है।
बाढ़ नियंत्रण, रोजगार, प्रवासन और पुल परियोजना जैसे मुद्दे यहां के प्रमुख चुनावी विषय हैं। इन समस्याओं का समाधान अब तक अधूरा रहा है, जिससे जनता की अपेक्षाएं बढ़ गई हैं। विकास की गति और योजनाओं की पारदर्शिता इस बार मतदाताओं के फैसले को प्रभावित कर सकती है।
साहेबपुर कमाल विधानसभा सीट पर 2025 का चुनाव राजद की पकड़ की परीक्षा और एनडीए की रणनीतिक वापसी का संकेतक बन सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या राजद अपनी जीत को बरकरार रखेगा या कोई नया समीकरण इस सीट की दिशा बदल देगा।