अनिल देशमुख व अजित पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
नागपुर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगामी विधानसभा चुनाव महायुति एक साथ लड़ेगी, यह घोषणा की है लेकिन सीटों के बंटवारे में अजित पवार की एनसीपी को सबसे कम सीट देने की अटकलें लगाई जा रही हैं। इससे यह भी कयास लगने लगे हैं कि अजित पवार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ सकते हैं। इस संदर्भ में राज्य के पूर्व गृह मंत्री व एनसीपी (शरदचंद्र पवार) नेता अनिल देशमुख ने भी संभावना जताई है कि अजित महायुति के साथ नहीं बल्कि अकेले चुनाव लड़ सकते हैं।
शरद पवार गुट के नेता अनिल देशमुख ने संदेह जताया कि कम सीटें देकर भाजपा उन्हें संदेश दे रही है कि आप अलग लड़ो। अजित पवार के साथ गए अनेक नेता फिर शरद पवार के साथ आने के लिए मुलाकातें कर रहे हैं जिसमें सहकार मंत्री वलसे पाटिल भी शामिल हैं। इस पर देशमुख ने कहा कि महायुति के मंत्रिमंडल में जो मंत्री हैं और शरद पवार पर जिन्होंने व्यक्तिगत टीका-टिप्पणी की है उन्हें वापस पार्टी में नहीं लेने का निर्णय पहले ही हो चुका है। इसलिए जो मुलाकात करने आ रहे हैं उन्हें वापस लिया ही जाए, ऐसा नहीं है।
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महाविकास आघाड़ी में सीट वितरण की चर्चा अंतिम चरण में है। मुंबई में 7 से 9 अक्टूबर तक 3 दिन बैठक होने वाली है। उसके बाद किस दल को कितनी सीटें मिलीं, इसकी घोषणा की जाएगी। देशमुख ने कहा कि मविआ में कोई छोटा या बड़ा भाई नहीं, सभी समान हैं। किसकी सीट है या किसकी नहीं, यह विवाद छोड़कर जहां जिसकी जीतने की संभावना अधिक है, उस आधार पर सीटों का बंटवारा होगा। इसमें में किसी सीट की अदला-बदली भी हो सकती है। इसमें विदर्भ की कुछ सीटों का समावेश भी हो सकता है।
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देशमुख ने दावा किया कि महाविकास आघाड़ी सत्ता में आने वाली है। हमारे नेता एक साथ बैठकर मुख्यमंत्री का निर्णय करेंगे। अब तक एमआईएम की ओर से हमें कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। वंचित के प्रकाश आंबेडकर अगर साथ आना चाहेंगे तो उस पर विचार किया जाएगा।