कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन)
नई दिल्ली: दिल्ली की पूर्व मुखिया और आप नेता आतिशी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ मानहानि के मामले में आज यानी शनिवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होनी है। यह मामला कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित से जुड़ा हुआ है। उन्होंने दोनों आप नेताओं के खिलाफ झूठे आरोपों के जरिए साख को नुकसान पहुंचाने का केस दर्ज किया था।
इस मामले में यह माना जा रहा है कि आज कोर्ट कुछ बड़ा फैसला कर सकता है। इससे पहले 12 को हुई सुनवाई में अदालत ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और आप सांसद संजय सिंह के खिलाफ दायर मानहानि मामले की दलीलें सुनीं थीं।
इस सुनवाई दौरान अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) पारस दलाल ने आंशिक दलीलें सुनने के बाद कहा कि तथ्यों पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं। दोनों पक्षों ने प्रासंगिक निर्णय रिकॉर्ड पर रखने के लिए समय मांगा है। दोनों पक्ष अगली सुनवाई की तारीख पर या उससे पहले प्रासंगिक निर्णय रिकॉर्ड पर रखने के लिए स्वतंत्र हैं।
शिकायतकर्ता, कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने अदालत में आरोपियों के खिलाफ धारा 356 के साथ बीएनएस की धारा 3(5) के तहत कथित अपराध के लिए धारा 223 बीएनएसएस के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया गया कि दोनों आप नेता जानबूझकर संदीप दीक्षित की साख को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित द्वारा राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर मानहानि के मुकदमे में दावा किया गया है कि 26 दिसंबर को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने संदीप दीक्षित पर भाजपा से करोड़ों रुपये लेने और आम आदमी पार्टी को हराने के लिए कांग्रेस पर भगवा पार्टी से मिलीभगत करने का आरोप लगाया था।
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आप नेताओं द्वारा लगाए गए कथित आरोपों पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा था कि पूर्व सीएम और संजय सिंह द्वारा लगाए गए आरोप झूठे और निराधार हैं। संदीप दीक्षित ने यह भी कहा था कि उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए। बीआई और ईडी की छापेमारी होनी चाहिए।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा था कि अगर उन्हें यह रकम मिलती है तो वह इसका इस्तेमाल यमुना की सफाई और दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के प्रयासों में करेंगे। संदीप दीक्षित ने कहा था कि 10 से 12 साल पहले अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद एक भी सबूत नहीं दिया।