दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी जंग तेज होती जा रही है। चुनाव 5 फरवरी को होंगे और नतीजे 8 फरवरी को आएंगे। दिल्ली में बीजेपी सत्ता वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। जिसमें पार्टी का मुख्य नारा परिवर्तन है।
दिल्ली चुनाव में सियासी जंग तेज, जानें तीनों दलों के लिए क्यों जरूरी है जीत
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी जंग तेज होती जा रही है। चुनाव 5 फरवरी को होंगे और नतीजे 8 फरवरी को आएंगे। दिल्ली में बीजेपी सत्ता वापसी के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। जिसमें पार्टी का मुख्य नारा परिवर्तन है। इस बार दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी, बीजेपी और खोई हुई जमीन वापस पाने की कोशिश में लगी कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है।
बीजेपी दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और आप के पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान, कैलाश गहलोत और राज कुमार आनंद जैसे हाई प्रोफाइल उम्मीदवारों को शामिल किया है। जिन्होंने हाल ही में बीजेपी जॉइन की है। दक्षिण दिल्ली के पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी भी कालकाजी सीट से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
साल 2012 के बाद दिल्ली की राजनीति में मुख्य ताकत बनकर उभरी आप पार्टी पहले ही चुनावों में 28 सीटों पर जीती थी। जिसमें बीजेपी को 32 सीटें और कांग्रेस को 8 सीटें मिली थीं। साल 2015 में आप ने 70 में से 67 सीट पर जबरदस्त जीत हासिल की। वहीं बीजेपी 3 और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। इसके बाद 2020 के चुनाव में भी आप पार्टी का दबदबा जारी रहा।
बीजेपी ने आप पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और उनकी विफलताओं को दिखाकर पलटवार किया है। वहीं आप ने बीजेपी पर आप के समर्थकों के नाम मतदाता सूचियों से हटाने का आरोप लगाया है। केजरीवाल ने चुनाव प्रचार में गीत फिर लाएंगे केजरीवाल लॉन्च किया है। वहीं कांग्रेस भी केजरीवाल और बीजेपी पर लगातार हमलावर है।
कांग्रेस हाल के वर्षों में आम आदमी पार्टी को पीछे छोड़ने में ज्यादा असरदार साबित नहीं हो पाई है। इस बार पार्टी ने कई प्रमुख उम्मीदवार उतारे हैं जिसमें समयपुर बादली से अध्यक्ष देवेंद्र यादव और अलका लांबा शामिल हैं। चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं की भी घोषणा की है।
दिल्ली में इस बार का चुनाव रण बहुत ही रोमांचक होने वाला है। तीनों मुख्य पार्टियां दिल्ली में जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। हालांकि देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की जनता किस पर भरोसा जताती है। बीजेपी का परिवर्तन नारा असर दिखाता है या कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन वापस पा पाती है। यह बड़ा सवाल है।