
केजरीवाल का गेम बिगाड़ने वाले विधायक की अब जाएगी कुर्सी? (फोटो- सोशल मीडिया)
Delhi MCD By-Election Analysis: दिल्ली नगर निगम के उपचुनाव के नतीजों ने आम आदमी पार्टी को पुरानी दिल्ली में एक बड़ा झटका दिया है। पार्टी भले ही तीन सीटें जीतकर अपनी साख बचाने में कामयाब रही हो, लेकिन चांदनी महल की महत्वपूर्ण सीट पर उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है। इस हार की मुख्य वजह विरोधी नहीं, बल्कि अपनों की बगावत रही। पूर्व विधायक शोएब इकबाल और उनके बेटे विधायक आले मोहम्मद इकबाल ने पार्टी लाइन से हटकर ऐसा खेल खेला कि आप का पूरा गणित बिगड़ गया। उन्होंने न सिर्फ अपना अलग उम्मीदवार उतारा बल्कि उसे जिताकर भी दिखाया। अब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या इस खुली बगावत की कीमत आले मोहम्मद इकबाल को अपनी विधायकी गंवाकर चुकानी पड़ेगी?
चांदनी महल सीट पर आम आदमी पार्टी की हार ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। यहां पार्टी के आधिकारिक प्रत्याशी मुदस्सिर कुरैशी को हार का मुंह देखना पड़ा, जबकि शोएब इकबाल समर्थित ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार मोहम्मद इमरान ने 4692 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। इमरान को कुल 11814 वोट मिले, जबकि आप उम्मीदवार मुदस्सिर 7122 वोटों पर ही सिमट गए। यह वही सीट है जो आले मोहम्मद इकबाल के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। पार्टी आलाकमान अब इस बात से बेहद नाराज है कि जिस विधायक को उन्होंने विधानसभा का टिकट और डिप्टी मेयर जैसा पद दिया, उसी ने चुनाव में पार्टी को हराने में सबसे अहम भूमिका निभाई।
नतीजों के बाद विधायक आले मोहम्मद इकबाल के तेवर और भी तीखे हो गए हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि वे पूरी तरह अपने पिता शोएब इकबाल के साथ खड़े हैं। जीत का जश्न मनाते हुए उन्होंने कहा कि यह इलाके के शेरों की जीत है और साजिश करने वालों के मुंह काले हो गए हैं। वहीं, शोएब इकबाल ने भी अरविंद केजरीवाल, सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय और संजय सिंह पर जमकर हमला बोला। उनका कहना है कि पार्टी ने उनकी पसंद के उम्मीदवार को टिकट न देकर गलती की। शोएब ने दावा किया कि उन्होंने केजरीवाल का घमंड तोड़ दिया है। उनका आरोप है कि केजरीवाल उनसे खुन्नस रखते थे, इसलिए पुरानी दिल्ली में उन्हें कमजोर करने की कोशिश की गई, लेकिन जनता ने बता दिया कि असली ताकत किसके पास है।
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इस खुली बगावत के बाद आम आदमी पार्टी अब चुप बैठने के मूड में नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी आले मोहम्मद इकबाल की विधानसभा सदस्यता रद्द करवाने की पूरी तैयारी कर रही है। उनके खिलाफ चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के तमाम सबूत जुटाए जा रहे हैं, जिन्हें आधार बनाकर विधानसभा स्पीकर से उनकी सदस्यता छीनने की शिकायत की जाएगी। दूसरी तरफ, इकबाल परिवार भी अपने भविष्य की प्लानिंग में जुट गया है। माना जा रहा है कि शोएब और आले इकबाल जल्द ही कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। असीम अहमद खान की आप में वापसी के बाद, अब यह लगभग तय माना जा रहा है कि इकबाल परिवार के लिए कांग्रेस ही अब सबसे मुफीद नया सियासी ठिकाना होगा।






