
दिल्ली मोहल्ला क्लीनिक, (फाइल फोटो)
Delhi Mohalla Clinic Shutdown: दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने शहर में आरोग्य मंदिरों के एक किलोमीटर के दायरे में स्थित पोर्टा केबिनों से चलने वाले 121 मोहल्ला क्लीनिकों को बंद करने का आदेश दिया है। मोहल्ला क्लीनिक यूनियन के अनुसार, सरकार ने बंद करने से पहले कर्मचारियों को कोई सूचना नहीं दी थी। यूनियन का कहना है कि इस फैसले से डॉक्टरों समेत लगभग 2,000 लोगों की नौकरी चली जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव के निर्देश के मुताबिक, आम आदमी मोहल्ला प्रोकष्ठ (AAMC)के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर मनोज कुमार गुप्ता द्वारा शुक्रवार को जारी एक आदेश में मोहल्ला क्लीनिकों के डॉक्टरों को शनिवार तक अपनी लिस्ट तैयार करने को कहा गया है।
स्वास्थ्य विभाग के आदेश के अनुसार, मोहल्ला क्लीनिकों के डॉक्टरों और कर्मचारियों की तैयारी की जाने वाली लिस्ट में रसद, दवाएं और उपभोग वस्तुएं, चिकित्सा और गैर-चिकित्सा उपकरण और कार्यस्थल पर उपलब्ध अन्य सभी संसाधनों को विवरण शामिल हो। आदेश में कहा गया है कि निर्धारित बैठक में प्रस्तुति के लिए सोमवार सुबह तक एक संकलित और समेकित सूची (जिलावार) तैयार होनी चाहिए।
इस वर्ष की शुरुआत में 31 मोहल्ला क्लीनिकों को बंद करने का उल्लेख करते हुए मोहल्ला क्लीनिक यूनियन के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार के इस नए आदेश के मद्देनजर हजारों स्वास्थ्य कर्मियों की नौकरियां फिर से खतरे में हैं। उन्होंने कह कि इस फैसले से लगभग 2,000 मोहल्ला क्लीनिक कर्मचारियों की नौकरी छिन जाएगी।
इससे पहले, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक जनसभा में आश्वासन दिया था कि मोहल्ला क्लीनिक कर्मचारियों को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में शामिल किया जाएगा, लेकिन इसके बजाय, अधिकारियों ने भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है और इंटरव्यू ले रहे हैं, जिससे मौजूदा कर्मचारियों को प्रभावी रूप से बाहर कर दिया गया है।
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इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मोहल्ला क्लीनिक के कई डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें मामले पर कानूनी विवाद के बीच केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के आदेश के अनुसार दो सप्ताह का नोटिस नहीं दिया गया। 21 अगस्त को कैट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि वह 31 मार्च, 2026 से पहले आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा एएएमसी में अनुबंध के आधार पर नियुक्त लगभग एक हजार कर्मचारियों को बर्खास्त न करे।






