दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुछ सीट ऐसी हैं जिनकी नजरें सभी पर रहने वाली है। दिल्ली प्रमुख तीन सीटों पर तीनों राजनीतिक पार्टियों ने अपने धुरंधर उम्मीदवारों पर दांव खेला है। ऐसे में देखना काफी दिलचस्प होगा कि किसके हाथ बाजी आती है।
राजधानी दिल्ली में मौसम का मिजाज काफी गरमाया हुआ है। आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी के साथ अन्य क्षेत्रीय पार्टियां भी अपना दमखम दिखाने मैदान में उतर चुकी हैं। नेताओं के बीच जारी सियासी बयानबाजी और जनता को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं। ऐसे में आगामी दिल्ली चुनाव बहुत ही रोमांचक और दिलचस्प होने वाला है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुछ सीट ऐसी हैं जिनकी नजरें सभी पर रहने वाली है। दिल्ली प्रमुख तीन सीटों पर तीनों राजनीतिक पार्टियों ने अपने धुरंधर उम्मीदवारों पर दांव खेला है। ऐसे में देखना काफी दिलचस्प होगा कि किसके हाथ बाजी आती है। आइए, जानते हैं इन सीटों का सियासी समीकरण क्या है।
दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट पर सीएम आतिशी का मुकाबला पूर्व सांसद और पूर्व विधायक से है। बीजेपी ने पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस ने अलका लांबा को टिकट दिया है। तीनों उम्मीदवार मंजे हुए नेताओं में शामिल हैं। ऐसे में आतिशी के सामने चुनाव जीतना एक चुनौती होगी। इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। बता दें कि साल 2020 के चुनाव में इस सीट से आतिशी चुनाव जीती थीं।
दिल्ली की जंगपुरा सीट पर भी राजनीतिक घमासान देखने को मिलने वाला है। इस पर आम आदमी पार्टी के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, बीजेपी की तरफ से तरविंदर सिंह मारवाह और कांग्रेस से फरहाद सूरी दावेदार हैं। यह सीट आप पार्टी के लिए बहुत ही सेफ मानी जाती है। लेकिन इस बार कांग्रेस और बीजेपी उन्हें कांटे की टक्कर दे सकते हैं।
दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा सीट हॉट सीट में शामिल है। यहां से मनीष सिसोदिया विधायक हैं। इस बार आप ने अपना उम्मीदवार बदला है। उनकी जगह इस सीट से फेमस अवध ओझा को टिकट दिया गया है। बीजेपी के रवेंद्र सिंह नेगी और कांग्रेस के पूर्व विधायक अनिल कुमार को टिकट मिला है। ऐसे में इस सीट पर लोगों को नजरें रहने वाली हैं।
नई दिल्ली विधानसभा सीट दिल्ली की सबसे चर्चित सीट है। जिससे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं। केजरीवाल के सामने बीजेपी और कांग्रेस ने अपने अहम नेता को वोट दिया है। पिछले चुनाव में यह सीट केजरीवाल के पास रही लेकिन इस बार के चुनाव में इसे जीतना इतना आसान नहीं होगा।