दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्राइवेट स्कूलों पर लगाम कसते हुए उनके मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी है। मंगलवार को कैबिनेट ने दिल्ली स्कूल एजुकेशन (ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फीस) एक्ट-2025 के ड्राफ्ट को अपनी मंजूरी दे दी। इस एक्ट का मकसद स्कूल फीस को नियंत्रित करना और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है, ताकि स्कूलों को मनमानी फीस वसूलने से रोका जा सके।
मुख्यमंत्री रेखा ने सचिवालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा, यह ड्राफ्ट राष्ट्रीय राजधानी भर में स्कूल फीस में अत्यधिक वृद्धि व अभिभावकों की शिकायतों को संज्ञान में लेकर तैयार किया गया है। जल्द ही विधानसभा की विशेष बैठक में इसे कानूनी मान्यता दी जाएगी।
दिल्ली सरकार की ओर से लाए जा रहे दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट-2025 के पास हो जाने के बाद निजी स्कूल मनमानी फीस नहीं बढ़ा पाएंगे। कोई भी स्कूल इस कानून के बाहर जाकर फीस बढ़ाता है, तो उस पर 1 से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। शिक्षा निदेशालय को ऐसे स्कूल की मान्यता रद्द करने और प्रबंधन अपने अधीन लेने का अधिकार भी होगा। यदि कोई स्कूल फीस न देने पर बच्चों को कक्षा से बाहर बैठा देता है, तो भी कठोर कार्रवाई का प्रावधान है।
रेखा गुप्ता ने कहा, कई दिनों से एक मिशन चल रहा था, स्कूल,फीस, अभिभावक और छात्र। लगातार स्कूल प्रशासन अभिभावक और छात्रों के मन में फीस बढ़ाने का डर फैलाया जा रहा था। पहले की सरकारों ने 27 साल तक इस मुद्दे को अनदेखा किया, उनकी सरकार ने केवल 65 दिनों में ऐतिहासिक कदम उठाया है। 28 अप्रैल तक 970 स्कूलों का निरीक्षण कर 150 से अधिक स्कूलों को फीस वृद्धि संबंधी शिकायतों पर नोटिस दिए हैं।
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हाल ही में दिल्ली के कुछ स्कूलों की ओर से मनमानी फीस बढ़ोतरी और बच्चों को स्कूल से निकालने की शिकायतें सामने आईं थी। इन शिकायतों के समाधान के लिए जिले के डिप्टी कमिश्नर को संबंधित स्कूलों में जांच के लिए भेजा गया। जांच के बाद उन्होंने विस्तृत रिपोर्ट तैयार की और स्कूलों का ऑडिट भी कराया। साथ ही इस बात का भी उयाप खोजा गया कि फीस वृद्धि की प्रक्रिया को किस तरह रोका जा सकता है।