पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड के आरोपियों का एनकाउंटर (फोटो- सोशल मीडिया)
UP Sitapur Encounter Case: उत्तर प्रदेश के सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड से जुड़ी महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। पिसावां थाना क्षेत्र के दुल्लापुर तिराहे के पास पुलिस मुठभेड़ में दो शूटर मारे गए। इन दोनों आरोपियों पर पुलिस ने एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। पुलिस की इस कार्रवाई ने इलाके में खौफ और चर्चा का माहौल बना दिया है, वहीं सुरक्षा एजेंसियां लगातार संदिग्धों पर नजर रखे हुए हैं।
सीतापुर पुलिस को सुबह इनपुट मिला था कि राघवेंद्र बाजपेयी हत्याकांड में वांछित दो आरोपी सीमावर्ती क्षेत्र में देखे गए हैं। पुलिस की पांच टीमों ने एडिशनल एसपी और एसटीएफ की अगुवाई में सख्त नाकेबंदी शुरू की। इसी दौरान पुलिस ने मोटरसाइकिल सवार दो संदिग्धों को रुकने का इशारा किया, तो उन्होंने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों गोली लगने से घायल हो गए और अस्पताल में उन्हें मृत घोषित किया गया। इन दोनों के नाम राजू तिवारी और संजय तिवारी के रूप में पहचान सामने आई है।
सीतापुर के मिश्रिख के रहने वाले दोनों सगे भाई थे, जिनका नाम हत्याकांड में पहले ही सामने आ चुका था। पुलिस जांच में मालूम चला कि हत्या में इस्तेमाल बंदूक कारदेव मंदिर के बाबा से जुड़ी थी, जिन्हें घटना के बाद जेल भेजा जा चुका है। क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि इनाम को लेकर लंबे समय से दोनों की तलाश जारी थी।
सीतापुर एसपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि इन दोनों के खिलाफ पहले से हत्या और अन्य संगीन मामलों में केस दर्ज था। लगातार पुलिस दबाव के चलते आरोपी छिपते-फिर रहे थे। पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या यूपी में कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती थी, लेकिन पुलिस ने अपनी त्वरित कार्रवाई से समाज में अपराध के खिलाफ सख्त संदेश देने का काम किया है।
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बताया जा रहा है कि मुठभेड़ में मारे गए दोनों युवक सगे भाई हैं और सीतापुर के मिश्रिख एरिया के रहने वाले हैं। घटना के समय ही उनके नाम सामने आ गए थे। पता चला कि उन्होंने कारदेव मंदिर के बाबा को गोली मारी थी, जिन्हें गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया था।