पुणे पुलिस ने वेश्याघर में छापेमारी कर 5 युवतियों को बचाया (प्रतिकात्मक तस्वीर)
पुणे: राज्य के पुणे शहर में आए दिन अपराधों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। हाल ही में युवतियों को नौकरी की झांसा देकर वेश्यावृत्ति में धकेलने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शहर के रेड लाइट एरिया के नाम से मशहूर बुधवार पेठ के एक वेश्याघर में छापेमारी कर 5 युवतियों को बचाया है।
शुरुआती जांच में पता चला है कि 5 में से दो युवतियों को उनके पतियों द्वारा पुणे लाकर वेश्यावृत्ति में लगा दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में वेश्याघर चलाने वाली 35 वर्षीय सुमी सौरभ विश्वास, 23 वर्षीय वेश्याघर मैनेजर विक्रम आसीम विश्वास, 21 वर्षीय विकास उजल मंडोल और 32 वर्षीय टोनी युनुस मुल्ला शामिल हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक अनैतिक मानव तस्करी निवारण सेल की पुलिस कांस्टेबल रेशमा कंक द्वारा फरासखाना पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई। जिसके बाद गुरुवार देर रात यह कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त निखिल पिंगले को फ्रिडम फर्म के प्रतिनिधि इब्राहिम शशिकांत हेगड़े, रेशमा सुरेंद्र तुपकर, सीमा अजय अरोले द्वारा मामले की जानकारी दी गई थी।
बुधवार पेठ के वेश्याघर में नाबालिग युवतियों से वेश्यावृत्ति कराए जाने की जानकारी मिली। जिसके बाद उपायुक्त निखिल पिंगले ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत अनैतिक मानव तस्करी निवारण सेल की टीम को कार्रवाई का निर्देश दिया। साथ ही उनका उचित मार्गदर्शन भी किया।
कार्रवाई का निर्देश मिलते ही टीम बुधवार पेठ पहुंची। पुलिस ने वेश्याघर में छापा मारकर जांच-पड़ताल की। इस दौरान मौके पर 5 युवतियां मिलीं। इन युवतियों को बचाने के बाद पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया।
रेस्क्यू की गई लड़कियों ने सुनाई आपबीती…
पुलिस द्वारा रेस्क्यू की गई 5 लड़कियों में एक ने बताया कि उसके घर की परिस्थिती बहुत नाजुक थीं। तभी उसकी एक सहेली ने उसे कहा कि बुधवार पेठ में काम करने पर उसे ज्यादा पैसे मिलेंगे। इसलिए वह पिछले पांच महीनों से पश्चिम बंगाल से यहां आई थी। एक अन्य युवती ने बताया कि वह मुंबई में घरेलू नौकरानी के रूप में काम करती थी। उसे भी ज्यादा पैसों का लालच देकर यहां बुलाया गया था।
एक युवती को जयपुर से पुणे लाया गया था। चौथी युवती को उसके पति टोनी ने वेश्याघर की मालिक को बता कर वेश्यावृत्ति में धकेल दिया था। वहीं विशाल मंडोल ने पश्चिम बंगाल की 19 साल की लड़की से शादी की। बाद में वह उसे गांव से पुणे ले आया और वेश्यावृत्ति में लगा दिया। युवतियों ने बताया कि ग्राहकों से मिले 500 रुपये में से 250 रुपये सुमी विश्वास और मैनेजर विक्रम विश्वास लेते थे। आगे की जांच पुलिस इंस्पेक्टर अजीत जाधव द्वारा की जा रही है।