अर्चना तिवारी केस में पुलिस ने खोली परतें (फोटो- सोशल मीडिया)
Archana Tiwari Case: नर्मदा एक्सप्रेस के बी-3 कोच में मध्य प्रदेश के इंदौर से कटनी जा रही अर्चना तिवारी के रहस्यमय ढंग से लापता होने का राज अब खुल गया है। भोपाल जीआरपी एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले का खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि, 13 दिन बाद एमपी जीआरपी की टीम ने उन्हें उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले से सटी नेपाल सीमा पर स्थित धनगढ़ी शहर के हवाई अड्डे से बरामद किया और फिस उसे भोपाल लाया गया है। मामले में प्रेम प्रसंग का एंगल सामने आया है।
जीआरपी एसपी के खुलासे के मुताबिक, वकील और सिविल जज बनने की इच्छुक अर्चना तिवारी का मध्य प्रदेश के शुजालपुर में निवासी सारांश जैन नाम के एक लड़के से अर्चना अफेयर में है। सारांश जैन इंदौर की एक निजी कंपनी में कार्यरत है। इन दोनों जनों की मुलाकात 1 जनवरी को एक ट्रेन में हुई थी, उसके बाद उनकी बातचीत शुरू हुई और फिर कुछ ही दिनों ये बातचीत प्यार में बदल गई। अर्चना ने सारांश के साथ नेपाल जाने की योजना बनाई थी। जांच में पता चला है कि सारांश के पिता सब्जी का ठेला लगाते हैं।
जीआरपी पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि अर्चना तिवारी को लगातार शादी के प्रस्ताव दिए जा रहे थे, लेकिन वह शादी नहीं करना चाहती थी। अर्चना की दोस्ती 1 जनवरी को इंदौर से ट्रेन में शुजालपुर निवासी सारांश से हुई थी। दोनों के बीच कानूनी सलाह-मशविरे से बातचीत शुरू हुई। जो दोस्ती और फिर प्यार में बदल गई। इसी बीच, अर्चना के परिवार ने उसकी शादी एक पटवारी से तय कर दी और उस पर पढ़ाई छोड़कर शादी करने का दबाव बना रहे थे। अर्चना ने यह जानकारी हरदा के एक ढाबे पर सारांश जैन को दी। दोनों ने भागने की योजना बनाई। लेकिन बाद में उन्होंने भागने की योजना रद्द कर दी और लापता होने की योजना बनाई। अर्चना को लगा कि जीआरपी गुमशुदगी के मामले को इतनी गंभीरता से नहीं लेती और इसका फायदा उठाकर वह अपने प्रेमी के साथ परिवार से दूर स्वतंत्र जीवन जी सकेगी।
एसपी रेल के मुताबिक, इस पूरे मामले में तेजंदर नाम के एक शख्स ने भी उनकी मदद की। तेजंदर ने ही अर्चना को इटारसी स्टेशन से पहले आउटर पर उतरने का सुझाव दिया था। उसने कहा था कि अगर पुलिस से बचना है तो रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरों से बचकर रहना होगा। तेजंदर ही वही शख्स है जिसने नर्मदापुरम में ट्रेन में ही अर्चना को कपड़े दिए थे, जिसके बाद अर्चना बी3 कोच से ए2 कोच में पहुंची और उससे उतर गई। तेजंदर के निर्देश पर अर्चना आउटर पर ट्रेन से उतरी और उस रास्ते से गुजरी जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं थे। इतना ही नहीं, अर्चना तिवारी ने तेजंदर को बागतवा के जंगलों में मोबाइल फेंकने को कहा था। इसके बाद अर्चना सारांश के साथ शुजालपुर आ गई, जहां दोनों दो दिन साथ रहे। इसी बीच, उसी रात तेजंदर को दिल्ली पुलिस ने धोखाधड़ी के एक मामले में उठा लिया था।
एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि अर्चना ने जानबूझकर सामान ट्रेन में छोड़ दिया, ताकि पुलिस को लगे कि अर्चना रास्ते में कहीं गिर गई है। इतना ही नहीं, उसने जंगल के पास मोबाइल भी बंद कर दिया था। हालांकि, अर्चना सारांश से व्हाट्सएप कॉल पर बात करती रही, इसलिए पुलिस को सीडीआर नहीं मिल पाई। लेकिन, जब पुलिस ने सारांश को उठाया, तो मामले की परतें एक-एक करके उधड़ने लगीं।
दोनों ने यात्रा के दौरान टोल से गुजरने से भी परहेज किया। इंदौर में खरीदा हुआ फोन फेंकने के बाद, रास्ते में ही नया फोन खरीद लिया। दोनों मध्य प्रदेश छोड़कर नहीं जाते, लेकिन मामले के मीडिया में ज्यादा छा जाने के कारण, दोनों ने राज्य छोड़ने का फैसला किया। इसके बाद, दोनों पहले हैदराबाद गए और फिर नेपाल जाने की योजना बनाई। अर्चना पहले बस से जोधपुर होते हुए दिल्ली होते हुए काठमांडू पहुंची। पीछे से सारांश भी वहां पहुंच गया। लेकिन, जब मामला ज्यादा गंभीर हो गया, तो सारांश काठमांडू से लौट आया। सारांश जानबूझकर अपना मोबाइल इंदौर में ही छोड़ गया था, ताकि कोई उस तक न पहुंच सके। सारांश को घेरने के बाद, पुलिस ने अर्चना को बॉर्डर पर बुलाया और फिर उसे भी घेर लिया। फिर उसे दिल्ली होते हुए फ्लाइट से भोपाल लाया गया। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि इस मामले में कोई आपराधिक मामला नहीं बनता, क्योंकि लड़की अपनी मर्जी से भागी थी।
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बताया जा रहा है कि अर्चना 6 अगस्त को इस कहानी को अंजाम देने वाली थी। लेकिन अचानक उसने योजना बदल दी। 6 अगस्त को ग्वालियर के कांस्टेबल राम तोमर ने उसकी बस का टिकट बुक कर दिया। जीआरपी को कांस्टेबल राम तोमर की इंदौर और दिल्ली में लोकेशन भी ट्रेस हुई। जीआरपी ने राम तोमर के करीब 10 दोस्तों से भी पूछताछ की है। जिनमें पुलिस, राजनीतिक लोग और कुछ कॉमन दोस्त शामिल हैं। यह भी सामने आया कि, इस मामले में राम तोमर का सीधे तौर पर कोई भी कनेक्शन नहीं मिला, लेकिन वह भी इस पूरी कहानी का एक अहम किरदार था।