पहली तस्वीर एआई फोटो व दूसरी दिलकश मस्जिद
Bhopal Mosque Demolish News: भोपाल में दो मस्जिदों को हटाने का आदेश जारी होने के बाद माहौल गरमा गया है। मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है, वहीं हिंदू संगठनों ने भी बड़े आंदोलन का अल्टीमेटम दिया है। इस तरह भोपाल में दिलकश मस्जिद और मोहम्मदी मस्जिद को हटाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। भोपाल जिला प्रशासन के द्वारा दो मस्जिदों को हटाने का आदेश दिया गया है। प्रशासन के द्वारा आदेश जारी कर कहा गया कि तालाब के 50 मीटर शहरी और 250 मीटर ग्रामीण क्षेत्र में आने वाले सभी अतिक्रमणों की पहचान कर उन्हें हटाने की कार्रवाई बात कही।
दो मस्जिदों को हटाने का आदेश जारी होने के बाद भोपाल में माहौल गरमा गया है। मुस्लिम संगठनों ने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है, वहीं हिंदू संगठनों ने भी ऐलान कर दिया है कि अगर मस्जिदों को बचाने की कोई कोशिश की गई तो फिर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस तरह भोपाल में बड़ा तालाब के एफटीएल क्षेत्र में बनी दो मस्जिदों, दिलकश मस्जिद और मोहम्मदी (भदभदा) मस्जिद को हटाने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
जिला प्रशासन ने इन्हें सरकारी जमीन पर अतिक्रमण मानते हुए हटाने का नोटिस जारी किया है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर स्वेच्छा से ढांचा नहीं हटाया गया तो बलपूर्वक बेदखली की कार्रवाई की जाएगी।
भोपाल में दो मस्जिदों को हटाने का प्रशासनिक आदेश
एनजीटी के आदेशों के अनुपालन में जारी इस नोटिस के खिलाफ मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने मोर्चा खोल दिया है और हाईकोर्ट में रिट दायर की है। बोर्ड का दावा है कि दोनों मस्जिदें वक्फ की संपत्ति हैं और उनके पास वर्षों पुराने कानूनी दस्तावेज हैं।
मस्जिद हटाने की कार्रवाई की खबर फैलते ही मुस्लिम संगठन सड़कों पर उतर आए और चेतावनी दी कि अगर मस्जिद पर एक पैर भी रखा गया तो आर-पार की लड़ाई होगी, लाशों पर चलना पड़ेगा। वहीं, हिंदू संगठनों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मस्जिद गिरा दी जाए, गिरा दी जाए।
एसडीएम टीटी नगर अर्चना शर्मा के अनुसार, एनजीटी और पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना के तहत तालाब के 50 मीटर शहरी और 250 मीटर ग्रामीण क्षेत्र में आने वाले सभी अतिक्रमणों की पहचान कर उन्हें हटाने की कार्रवाई की जा रही है। मस्जिदों के अलावा, मंदिर और मकबरे समेत कुल 35 अन्य निर्माण भी सूचीबद्ध हैं।
मध्यप्रदेश सरकार के राज्य मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जमीन जिहाद किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। एनजीटी और कानून के आदेशों का पालन करना अनिवार्य है। साथ ही, हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी कि अगर मस्जिदों को बचाने की कोशिश की गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
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प्रशासन का कहना है कि वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी का पक्ष सुनने के बाद कोई फैसला लिया जाएगा। फिलहाल मामला हाईकोर्ट में लंबित है। ऐसे में देखना होगा कि कोर्ट के फैसले के बाद प्रशासन मस्जिदों को हटाता है या वक्फ बोर्ड दस्तावेजों के आधार पर इन धार्मिक स्थलों को बचाने में कामयाब होता है। फिलहाल भोपाल में दो मस्जिदों को लेकर विवाद गरमा गया है। ऐसे में किसी भी तरह की चूक प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।