छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (फोटो- सोशल मीडिया)
रायपुर: छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार अब एक बदलाव करने जा रही जो 5 दिन के वर्किंग का है, इसको भूपेश बघेल सरकार ने 2022 में ‘फाइव डे वर्क’ लागू किया था, ताकि अधिकारी दो दिन आराम पाकर नई ऊर्जा से काम करें। अब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय इसे पलटने के करीब हैं। उनका कहना है कि अफसरों‑कर्मचारियों ने ही बताया कि दो दिन घर रहने से समय नहीं कटता और काम भी अटक जाता है। नई व्यवस्था तय होते ही सरकारी दफ्तर सोमवार से शनिवार तक खुलेंगे, सिर्फ रविवार की छुट्टी रहेगी। फैसला होते ही कर्मचारी संघ, कांग्रेस और राज्य सरकार आमने‑सामने आ गए हैं।
सरकार का तर्क है कि शुक्रवार दोपहर से ही दफ्तर खाली होने लगते तो मंगलवार की टीएल बैठक से काम पेंडिंग रहता है लगातार दो दिन की छुट्टी से फाइल‑निपटान भी धीमा हुआ है। इससे जनता को सेवा में देरी और राजस्व वसूली पर असर पड़ा।
CM साय का दावा
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सुझाव स्वयं वरिष्ठ अधिकारियों से आया। उनका कहना है जब समय नहीं कट रहा तो बेहतर है दफ्तर खुलें और काम आगे बढ़े। उन्होंने आश्वस्त किया कि ऑफिस आवर या ओवरटाइम पर अलग से विचार होगा, ताकि कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
कर्मचारी संघ और कांग्रेस की नाराजगी
राज्य कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने कहा कि दो दिन की छुट्टी से उत्पादकता घटी नहीं, उलटे तनाव कम हुआ है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा केवल पिछली सरकार के जनहितकारी फैसले बदलना चाहती है। पार्टी ने चुनौती दी कि यदि छह‑दिवसीय मॉडल सही है तो केंद्र सरकार में भी पाँच‑दिवसीय कार्य संस्कृति खत्म कराएं।
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फाइव डे कब लागू हुआ था
22 फरवरी 2022 को आदेश जारी हुआ काम के घंटे 45 से बढ़ाकर 48 प्रति सप्ताह किए गए और दफ्तर 9:30से 5:30 तक चले। शुरुआती सर्वे में संतोषजनक नतीजे मिले, पर नई भाजपा सरकार अब रिवर्स गियर लगाने वाली है। कैबिनेट नोट तैयार है जल्द गजट नोटिफिकेशन आने की संभावना है। यदि विरोध तेज हुआ तो सरकार शनिवार या फ्लेक्सी‑टाइम पर चर्चा कर सकती है, पर संकेत साफ हैं कि हफ्ते में छह दिवसीय लौट रहा है।