अमित शाह (Image- Social Media)
रायपुर: गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि नक्सलियों के खिलाफ बारिश में भी अभियान चलता रहेगा और उनको सोने नहीं दिया जाएगा। शाह ने माओवादियों से किसी भी तरीके की बातचीत से इनकार करते हुए उनसे हथियार डालने और विकास की यात्रा में शामिल होने का अनुरोध किया। गृह मंत्री छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर अटल नगर में राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय परिसर और केंद्रीय न्यायालयिक प्रयोगशाला की आधारशिला रखने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
शाह ने कहा, ”हर बार बारिश के मौसम में नक्सली थोड़ा आराम करते थे (क्योंकि घने जंगल के अंदर उफनती नदियां और नाले नक्सल विरोधी अभियानों में बाधा डालते हैं), लेकिन इस बार, हम उन्हें मानसून के दौरान सोने नहीं देंगे और हम 31 मार्च के लक्ष्य को हासिल करने के लिए और आगे बढ़ेंगे।” उन्होंने कहा कि वह नक्सलवाद की राह पर चले गए भटके युवाओं से हथियार छोड़ने की अपील करना चाहते हैं।
शाह ने कहा, ”विष्णु देव साय जी ने बहुत ही आकर्षक आत्मसमर्पण नीति बनाई है, हथियार डाल दीजिए और नए छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में शामिल हो जाइए। आत्मसमर्पण करने का इससे बेहतर मौका आपको कभी नहीं मिलेगा।” गृह मंत्री ने कहा कि किसी बातचीत की जरूरत नहीं है, सरकार पर भरोसा कीजिए, हथियार डाल दीजिए और मुख्यधारा में शामिल हो जाइए और “आप अपने आप छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में शामिल हो जाएंगे।”
उन्होंने आगे कहा, ”जिन लोगों ने हथियार डाले हैं उनका भी मैं सामाजिक जीवन में वापस आने पर स्वागत करता हूं और विश्वास दिलाता हूं कि छत्तीसगढ़ की सरकार और केंद्र की सरकार ने जो वादा आपके साथ किया है, उस वादे को हम पूरा करेंगे और उससे अधिक भी आपकी सहायता करने का प्रयास करेंगे।”
शाह ने कहा कि तीन नए कानूनों – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के पूर्ण कार्यान्वयन के बाद, भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली बन जाएगी और देश अधिक साक्ष्य-आधारित आपराधिक न्याय के युग में प्रवेश करेगा।
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शाह ने आगे कहा कि ”तीनों आपराधिक कानूनों के पूर्ण कार्यान्वयन के बाद, हमारे देश के किसी भी कोने में दर्ज की गई कोई भी प्राथमिकी शिकायतकर्ता और पीड़ित को तीन साल के भीतर उच्चतम न्यायालय तक न्याय सुनिश्चित करेगी। न्याय में तीन साल से अधिक की देरी नहीं होगी।” केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ”हमने इन तीन आपराधिक न्याय कानूनों के माध्यम से एक आधुनिक, त्वरित और वैज्ञानिक न्याय प्रणाली बनाने की दिशा में काम किया है।”