यूजीसी पीएचडी स्कॉलर्स को करेंगी सम्मानित
नई दिल्ली : रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी ने पीएचडी रिसर्चर्स को सम्मानित करने का फैसला किया है। यह पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 को ध्यान में रखकर की गई है जिसमें रिसर्च और नए ज्ञान के सृजन पर जोर दिया गया है। यूजीसी ने पीएचडी एक्सीलेंस सम्मान को लेकर गाइडलाइंस का प्रारूप तैयार किया है। जल्द ही गाइडलाइंस को सार्वजनिक किया जाएगा। यूजीसी चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने कहा, ‘यह पहल विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट डॉक्टरल शोध कार्यों को पहचान दिलाने को लेकर है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, जो नए ज्ञान के सृजन और खोज को भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मानती है।’
इन स्ट्रीम से चुनी जाएंगी थीसिस
– साइंसेज (एग्रीकल्चर साइसेंज, मेडिकल साइंसेज समेत)
– इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलोजी
– सोशल साइंसेज (एजुकेशन एंड ह्यूमैनिटीज भी)
– इंडियन लैंग्वेज
– कॉमर्स एंड मैनेजमेंट स्ट्रीम शामिल है।
हर वर्ष इन पांचों संकाय से 2-2 पीएचडी थीसिस चुनी जाएंगी।
यूनिवर्सिटी पांच स्ट्रीम से हर वर्ष 1-1 पीएचडी थीसिस यानी कुल पांच पीएचडी थीसिस की सिफारिश कर सकती हैं। हर साल बीते वर्ष में यूनिवर्सिटी द्वारा 1 जनवरी से 31 दिसंबर के बीच दीक्षांत समारोह में जो पीएचडी डिग्री वितरित की गई होंगी, उनमें से वह चयन कर सकती है। देश भर के विश्वविद्यालयों से टॉप 10 थीसिस का चुनाव बेहद चुनौतिपूर्ण होगा। ऐसे में चयन प्रक्रिया दो चरणों में बांटी गई है।
पहले चरण में विश्वविद्यालय स्तर पर बनी स्क्रीनिंग समिति शोधार्थियों के कार्यों की समीक्षा करेगी। कैंडिडेट्स को शार्टलिस्ट कर वह अपनी सिफारिश यूजीसी को भेजेगी। इसके बाद यूजीसी की चयन समिति विश्वविद्यालयों की लिस्ट देखेगी और विश्लेषण कर अंतिम चयन करेगी। यूजीसी हर साल 5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन 10 शोधार्थियों को पीएचडी एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित करेगी। इसमें देश भर के सभी यूनिवर्सिटी और डीम्ड यूनिवर्सिटी पात्र होंगे।