फाइल फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
नागपुर: महाराष्ट्र में 11 फरवरी से 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा शुरू हो गई। बोर्ड द्वारा परीक्षा के दौरान नकल विरोधी मुहिम पर विशेष जोर दिया जा रहा है, लेकिन अधिक छात्र वाले केंद्रों पर व्यवस्था को लेकर समय सूचकता का पालन नहीं किये जाने से नागपुर के एक परीक्षा केंद्र पर दिक्कतें भी आई। केंद्र बदलने और इसकी सूचना छात्रों को नहीं होने से अफरातफरी जैसी स्थिति देखने को मिली। करीब 160 छात्रों को अन्य केंद्र में बैठाया गया।
नागपुर के कुकडे ले-आउट परिसर के रावसाहब ठवरे महाविद्यालय में केंद्र दिया गया है। केंद्र में 400 छात्र है। लेकिन बोर्ड ने 560 छात्रों को इसी केंद्र में बैठाने का निर्णय लिया। इस हालत में बचे हुये 160 छात्रों को बैठाने की व्यवस्था करीब के ही न्यू अपोस्टालिक स्कूल में की गई। इसके लिए स्कूल ने बोर्ड से अनुमति भी मांगी थी। बोर्ड ने उपकेंद्र के तौर पर दिया, लेकिन इस बारे में छात्रों व पालकों को जानकारी नहीं दी गई।
सुबह 11 बजे जब छात्र केंद्र पर पहुंचे और अपना-अपना रोल नंबर खोजने लगे तो उन्हें नंबर ही नहीं दिखा। छात्र घबरा गये। साथ ही अभिभावक भी परेशान हो गये। परीक्षा शुरू होने में ज्यादा वक्त नहीं रह गया था। छात्रों सहित पालकों ने केंद्र अधिकारी से पूछताछ की तब बताया गया कि करीब वाले स्कूल में अन्य छात्रों की व्यवस्था की गई है।
तुरंत छात्र को दूसरे केंद्र की ओर दौड़ते हुए जाना पड़ा। इस बीच अफरातफरी जैसी स्थिति बन गई थी। अनेक पालकों ने रोष भी व्यक्त किया। हालांकि ठवरे महाविद्यालय द्वारा दोनों केंद्र में जानकारी देने के लिए एक-एक प्रतिनिधि रखा था, लेकिन छात्र अनभिज्ञ थे।
बताया जाता है कि महाविद्यालय की ओर से छात्र क्षमात के बारे में बोर्ड को अवगत कराया गया था। पहले ४०० छात्रों के योग्य तरीके से बैठने की व्यवस्था थी। 5 फरवरी को बोर्ड द्वारा बताया गया कि उपकेंद्र बनाकर 560 छात्रों के बैठने की व्यवस्था की जाये। महाविद्यालय द्वारा 160 छात्रों को उपकेंद्र में शिफ्ट करने की भी जानकारी बोर्ड को भेजी गई। बोर्ड द्वारा छात्रों को समय पर जानकारी नहीं दिये जाने से ही दिक्कतें आई।
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दरअसल गोपनीयता के कारण केंद्र के पास केवल रोल नंबर की सूची होती है। छात्र या स्कूल की जानकारी नहीं होती। दरअल बोर्ड को चाहिए था कि वह छात्रों को पहले ही अवगत कराता। हालांकि उपकेंद्र करीब में ही होने से ज्यादा दिक्कतें नहीं आई, लेकिन कुछ क्षणों के लिए छात्र सहित पालक घबरा गये थे।