राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2024 (सौ.डिजाइन फोटो)
National Education Day 2024: शिक्षा, हर किसी की धरोहर जो देश में हर व्यक्ति को जीवन में बुलंदियां देता है। शिक्षा के बिना किसी भी देश का निर्माण भी संभंव नहीं होता है और ना देश की अर्थव्यव्था उन्नत होती है। भारत देश में हर वर्ग को शिक्षा दिलाने और उसके प्रति प्रोत्साहित, जागरूक करने के लिए हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाते है। शिक्षा के इस खास दिन को महान व्यक्तित्व मौलाना अबूल कलाम आजाद के जन्मतिथि के मौके पर मनाया जाता है। इस दिवस को लेकर शिक्षा मंत्रालय हर साल थीम निर्धारित करती है एक थीम के आधार पर शिक्षा के महत्व को बताती है। चलिए जानते हैं इस दिवस की शुरुआत और इसका इतिहास।
यहां राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के इतिहास की बात की जाए तो, इस दिवस की शुरूआत 11 नवंबर 2008 को की गई थी. तभी से हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल जहां पर थीम बदलती है तो वहीं इस साल 2024 में शिक्षक दिवस का थीम है ” एक स्थायी भविष्य के लिए शिक्षकों को सशक्त बनाना। ” यह थीम जिम्मेदार, सामाजिक रूप से जागरूक और पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिकों को आकार देने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है। इसके पहले साल 2023 में इस शिक्षक दिवस की थीम ‘एक सतत भविष्य के लिए अभिनव शिक्षा’ रखी गई है।
शिक्षा की एक तस्वीर (सौ.सोशल मीडिया)
यहां पर जिस महान शख्सियत के नाम पर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाते हैं उनका नाम मौलाना अबूल कलाम आजाद है जिनका जन्म 11 नवंबर 1888 को मक्का शहर, सऊदी अरब में हुआ था।उनका मूल नाम मुहिउद्दीन अहमद था उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा अपने पिता के जरिए ही ली थी। इसके बाद मौलाना आजाद ने मिश्र के मकबूल शैक्षणिक संस्थान जामिया अजहर में दाखिला ले लिया। मौलाना कई भाषाओं के ज्ञाता थे जिन्हें उर्दू, फारसी, हिंदी, अरबी और अंग्रेजी आती थी। मौलाना आजाद ने सऊदी अरब को छोड़कर हिंदुस्तान में शरण लेने का फैसला किया था, वे जब हिंदूस्तान आए तो कलकत्ता में रहना शुरू किया। उन्होंने कलकत्ता में रहकर पत्रकारिता और राजनीति दोनों में अपना पैर जमाना शुरू कर दिया।
यहां पर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को मनाने को लेकर बात करें तो, शिक्षा के इस खास मौके पर मौलाना अबूल कलाम आजाद के अब तक के योगदानों को याद किया जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में कई जरूरी बातों पर चर्चा की जाती है। इस दिन भारतीय शिक्षा व्यवस्था के इतिहास और वर्तमान में उसकी जरूरतों के लिए बेहद गंभीर बातों पर चर्चा की जाती है। शिक्षक दिवस की तरह ही इस दिवस को खास तरीके से स्कूल और कॉलेज में मनाया जाता है। इस दिन शिक्षक औऱ छात्र शिक्षा के मूल विषयों पर बात करते है औऱ शिक्षा का प्रचार-प्रसार करते है।