डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग, (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और चीन ने व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ट्रंप ने जल्द ही भारत के साथ ट्रेड डील करने की भी उम्मीद जताई। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने ब्लूमबर्ग टीवी को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि इस हफ्ते की शुरुआत में दोनों देशों के बीच ट्रेड डील पर बात बनी है। हालांकि, लुटनिक और ट्रंप दोनों में से किसी ने इस बारे में अधिक डिटेल जानकारी नहीं दी। ट्रंप ने गुरुवार रात को कहा कि हमने चीन के साथ ट्रेड डील साइन की है। लुटनिक ने भी दो दिन पहले इस डील पर साइन होने और मुहर लगने की जानकारी दी।
अभी हाल ही में 11 जून को ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका और चीन के बीच एक करार हुआ है, जिसके तहत चीन मैग्नेट और दुर्लभ खनिज तत्वों की सप्लाई करेगा और बदले में अमेरिका अपने कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में चीनी छात्रों को पढ़ने की अनुमति देगा। चीन के साथ इस दुर्लभ खनिज डील के बाद अमेरिका चीन से आयात होने पर सामानों पर 55 फीसदी और चीन अमेरिका से आने वाले सामानों पर सिर्फ 10 फीसदी टैक्स लगाएगा।
गुरुवार को ब्लूमबर्ग न्यूज ने अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड ल्यूटनिक के हवाले से कहा कि चीन हमें रेयर अर्थ की डिलीवरी करने जा रहा है। अगर वे ऐसा कर देते हैं, तो हम भी उन पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा देंगे। उन्होंने मई में चीन पर लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों का हवाला दिया क्योंकि अमेरिकी अधिकारियों ने बीजिंग पर उस महीने जिनेवा में हुए समझौते का सम्मान नहीं करने और दुर्लभ मृदा के निर्यात को रोक देने का आरोप लगाया था। डोनाल्ड ट्रंप ने भी गुरुवार को व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन पार्टी के टैक्स और एक्सपेंडिचर कटौती विधेयक को पारित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में भारत के साथ जल्द डील पर बातचीत होने की जानकारी दी।
चीन के भी वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि दोनों पक्षों ने फ्रेमवर्क की डिटेल्स की पुष्टि की है। हालांकि, इस बयान में भी अमेरिका में रेयर अर्थ मैग्नेट्स भेजे जाने का कोई जिक्र नहीं किया गया। हालांकि, इस बयान में कहा गया कि चीन उन नियंत्रित वस्तुओं के निर्यात आवेदनों को मंजूरी देगा जो कानून के अनुसार शर्तों को पूरा करते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका तदनुसार चीन के खिलाफ उठाए गए प्रतिबंधात्मक उपायों की एक श्रृंखला को रद्द कर देगा। उम्मीद है कि अमेरिका और चीन दोनों देश बराबरी से पहल करेंगे।
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इससे पहले मई की शुरुआत में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच जेनेवा में बैठक हुई थी, जिसका मकसद ट्रेड डील को कम करना था क्योंकि इसे ग्लोबल इकोनॉमी के लिए खतरनाक माना गया। इस दौरान अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और शीर्ष व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर ने किया। वहीं चीन का प्रतिनिधित्व उप प्रधानमंत्री लाइफेंग ने किया।