अनिल अंबानी (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज के अनिल अंबानी की किस्मत इन दिनों काफी चमक रही है। हाल ही में अनिल अंबानी की डिफेंस कंपनी रिलायंस डिफेंस लिमिटेड ने मंगलवार को आने वाली पीढ़ी के के निर्देशित गोला-बारुद बनाने के लिए जर्मन हथियार डीहल डिफेंस के साथ स्ट्रैटेजिकल डील का ऐलान किया है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस डील से इंडियन आर्म्ड फोर्सेस की जरूरतों को पूरा करने वाली एडवांस ‘वल्केनो 155 मिमी सटीक निर्देशित गोला-बारुद’ सिस्टम के डोमेस्टिक प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा। बयान के अनुसार, 155 मिलीमीटर तोप के आखिरी चरण में निर्देशित होने वाले गोले अनुमानित प्रभाव सेक्टर तक पहुंचने के 10 सेकंड पहले ही टारगेट पर हमला कर सकते हैं। इसमें लगे सिस्टम के कारण दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग डिवाइस भी इसे आसानी से डिएक्टिवेट नहीं कर सकते हैं।
बयान में कहा गया है कि एडवांस गोला-बारूद सिस्टम में टारगेट पर निशाना साधने के लिए एडवांस लेजर और जीपीएस-निर्देशित टेक्नोलॉजी का उपयोग होगा जिससे इसकी सटीक हमला करने की क्षमता बढ़ेगी।
रिलायंस डिफेंस ने कहा कि उसके पास एडवांस गोला-बारूद प्रणालियों के विकास और सप्लाई के माध्यम से संभावित रूप से 10,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू पैदा करने का बाजार अवसर है। यह रिलायंस ग्रुप की चौथी रणनीतिक ग्लोबल डील है। इसके पहले वह दसॉ एविएशन, थेल्स ग्रुप और रीनमेटल के साथ भी गठजोड़ कर चुका है।
दोनों ग्रुप की ओर से अलग से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि रिलायंस ग्रुप के फाउंडर अनिल अंबानी और डीहल डिफेंस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी यानी सीईओ हेल्मुट राउख ने निर्देशित गोला-बारुद पर स्ट्रेटेजी को मजबूत करने पर चर्चा की। दोनों कंपनियों के बीच 2019 में निर्देशित गोला-बारुद सिस्टम को लेकर सहयोग की रणनीतिक साझेदारी हुई थी। दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान में कहा है कि डीहल डिफेंस के लिए रिलायंस डिफेंस के साथ सहयोग इंडियन मार्केट और भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
‘मेक इन इंडिया-2 के अंतर्गत सिस्टम वल्केनो 155 मिमी’ पहल चल रही है, जिसमें इंडियन कंज्यूमर के लिए रिलायंस डिफेंस प्रमुख ठेकेदार है जबकि डीहल डिफेंस उसकी रणनीतिक पार्टनर है। डीहल डिफेंस के सीईओ हेल्मुट राउख ने कहा है कि डीहल डिफेंस भारतीय सशस्त्र बलों के लिए निर्देशित गोला-बारुद के संदर्भ में रिलायंस के साथ मौजूदा संबंधों को मजबूत करने के लिए तत्पर है।
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अंबानी ने इस अवसर पर कहा है कि यह रणनीतिक गठबंधन न केवल भारत की डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग कैपेसिटी की उन्नति को स्पीड देता है, बल्कि रिलायंस डिफेंस को ग्लोबल डिफेंस सप्लाई सीरीज के एक अहम अंग के रूप में भी स्थापित करता है। इस डील के अंतर्गत रिलायंस समूह महाराष्ट्र के रत्नागिरी में एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने जा रहा है जिसकी वार्षिक क्षमता 200,000 तोप के गोले, 10,000 टन विस्फोटक और 2,000 टन प्रणोदक के उत्पादन की होगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)