प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: भारतीय सवारी सेवा ( Indian Ride-handlig Service) देने वाली कंपनी रैपिडो अब जल्द ही ऑनलाइन फूड डिलीवरी मार्केट में अपना विस्तार करने जा रही है। Rapido की ऐसी रणनीति है कि वह Zomato और Swiggy जैसे दिग्गज कंपनियों को टक्कर दे। हालांकि, इस स्ट्रेटजी को सफल बनाने के लिए रैपिडो ने कमीशन रेट को कम करने का फैसला किया है।
Elara Capital की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) के साथ एक साझेदारी की है। गौरतलब है कि यह एसोसिएशन देश के 5 लाख से अधिक रेस्टोरेंट्स का प्रतिनिधित्व करता है। यह सौदा खासकर छोटे रेस्टोरेंट्स के लिए ज्यादा फायदा देने वाला माना जा रहा है।
रिपोर्ट में ऐसा दावा किया जा रहा है कि रैपिडो की रणनीति है कि वह रेस्टोरेंट्स से केवल 8 से 15 प्रतिशत तक का ही कमीशन लेगा, जो स्विगी और जोमैटो के कमीशन से बेहद कम है। यहां यह जान लें की जोमैटो और स्विगी ये दोनों कंपनियां अपने पार्टनर रेस्टोरेंट्स से एक ऑर्डर पर 21-22 प्रतिशत का कमीशन लेते हैं। इसके अलावा रैपिडो का यह भी प्लान है कि 400 रुपये से कम के ऑर्डर पर 25 रुपये का चार्ज फिक्स रहेगा। वहीं 400 से ज्यादा के ऑर्डर पर 50 रुपये का चार्ज लेगा।
बता दें कि कंपनी इस सर्विस की शुरुआत पायलट टेस्टिंग के रूप में जून के आखिरी में या जुलाई के शुरू में बेंगलुरु से करेगी। रैपिडो का दावा है कि वह कस्टमर को फास्ट और सस्ता डिलीवरी देगी। NRAI के अध्यक्ष सागर दरयानी ने बताया कि हम रैपिडो के साथ कई महीनों से बातचीत कर रहे हैं, जैसे हम ONDC के साथ कर रहे हैं। हमारा मकसद है कि रेस्टोरेंस्ट्स को फाइनेंशियल रूप से मजबूत विकल्प मिले।
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गौरतलब है कि रैपिडो कोई पहली कंपनी नहीं है जो फूड डिलीवरी मार्केट में विस्तार करने जा रही है। इससे पहले साल 2015 में ओला ने Ola Cafe की शुरुआत की थी और 2017 में Foodpanda India को खरीदा था। वहीं Uber Eats ने 2017 में भारत में शुरुआत की थी। हालांकि, कुछ समय बाद ही वह इसे जोमैटो को बेचकर फूड मार्केट से बाहर हो गया। अब यह देखना होगा की रैपिडो फूड डिलीवरी मार्केट में खुद को कैसे संभाल पाता है।