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नई दिल्ली : होटल बुकिंग साइट के तौर पर जानी जाने वाली कंपनी ओयो को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने रिजॉर्ट की फर्जी बुकिंग के माध्यम से कथित तौर पर कमाई बढ़ाने के मामले में ओयो के खिलाफ लिए जाने वाले एक्शन पर रोक लगा दी गई है। जस्टिस प्रवीर भटनागर के द्वारा अदालत में ये रोक कंपनी की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए लगाई गई है। इस मामले के कारण रिजॉर्ट के डायरेक्टर को 2.7 करोड़ रुपये की जीएसटी नोटिस जारी किया गया है। जिसके बाद ही जस्टिस प्रवीर भटनागर ने कंपनी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद रोक लगाई है और बाकी के पक्षों से अगले 2 हफ्ते में जवाब भी मांगा है।
एफआईआर में जयपुर के समस्कारा रिजॉर्ट ने ओयो पर 22.5 करोड़ रुपये की फर्जी बुकिंग दिखाकर अपनी कमाई बढ़ाने का आरोप लगाया, जिसके बाद रिजॉर्ट को जीएसटी नोटिस जारी किया गया था। एफआईआर में दावा किया गया है कि ओयो ने राज्य के कई होटलों और रिजॉर्ट में इसी तरह की स्ट्रेटेजी का उपयोग किया, जिसके कारण उन्हें टैक्स वसूली के नोटिस भेजे गए हैं।
ओयो का पक्ष रखते हुए उनकी वरिष्ठ अधिवक्ता आरबी माथुर और लिपि गर्ग ने बताया कि समस्कारा रिजॉर्ट ने जीएसटी डिपार्टमेंट की टैक्स रिकवरी के लिए हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी। जिसे हाईकोर्ट ने मार्च के महीने में ही खारिज कर दिया था। आरबी माथुर ने कहा है कि इसके बाद रिजॉर्ट डायरेक्टर्स ने टैक्स दायित्व से बचने के लिए 9 अप्रैल को ओयो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी थी। जानकारी के अनुसार, ओयो पूरी तरह से केवल कमिश्न पर ही काम करता है।
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आपको बता दें कि बुकिंग की अमाउंट सीधे होटल और रिसॉर्ट्स को ही जाती हैं। बुकिंग पर टैक्स का भुगतान करने की जिम्मेदारी संबंधित होटल की होती है। टैक्स दायित्व से बचने के लिए ओयो के खिलाफ निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। इसपर कोर्ट ने ओयो के खिलाफ दर्ज एफआईआर में किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगाते हुए दूसरे पक्षकारों से 2 हफ्ते में जवाब मांगा है।