इन्फोसिस ( सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : पुणे में रहने वाले एक इंजीनियर भूपेंद्र विश्वकर्मा ने बिना कोई दूसरा जॉब मिले ही इंफोसिस की अपनी वैलसेटल्ड नौकरी को छोड़ दिया है। उनके नौकरी छोड़ने के पीछे का कारण तेजी से इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। प्रोफेशनल सोशल प्लेटफॉर्म लिंक्डइन ने पर पोस्ट करते हुए भूपेंद्र ने नौकरी छोड़ने की 6 प्रमुख वजहग बतायी है।
उन्होंने ये भी बताया है कि परिवार में एकलौता कमाई करने वाला शख्स होने के बाद भी उन्हें कंपनी से इस्तीफा देना पड़ा है। अपने पोस्ट में, भूपेंद्र ने इंफोसिस के अंदर सिस्टेमैटिक इश्यू को उजागर पूरी तरीके से उजागर किया है। उन्होंने उन समस्याओं के बारे में कहा है जिसे कभी भी कोई कर्मचारी खुलकर नहीं कह पाता है।
भूपेंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि इंफोसिस में अपने कार्यकाल के दौरान, मुझे कुछ अहम सिस्टेमैटिक इश्यूज़ का सामना करना पड़ा था, जिसेक कारण मुझे बिना किसी दूसरे जॉब ऑफर के ही नौकरी छोड़नी पड़ रही है। मैं इन चैलेंजेंस के बारे में खुलकर बात करना चाहता हूं, क्योंकि ये कॉर्पोरेट वर्कप्लेस में बड़ी प्रॉब्लम्स का संकेत हैं।
भूपेंद्र ने बताया है कि उन्होंने 3 साल तक कड़ी मेहनत की थी। साथ ही उम्मीदों पर भी खरा भी उतरे और लगातार अच्छा परफॉर्म भी किया। उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए उन्हें सिस्टम इंजीनियर से सीनियर इंजीनियर के पद पर प्रमोट किया गया था, लेकिन उसके बाद भी उनकी सैलरी में किसी भी प्रकार की कोई बढ़त नहीं हुई है।
भूपेंद्र ने बताया कि उनकी टीम 50 से 30 सदस्यों की संख्या पर सिमट गई थी। जिसके कारण कर्मचारियों पर काम का एक्स्ट्रा बोझ बढ़ता गया था। हेल्प के लिए भी कोई न्यू ज्वाइनिंग नहीं करवायी जा रही थी। एक्स्ट्रा काम और प्रेशर का भी कोई अप्रीशिएशन नहीं दिया जा रहा था। बस काम का बोझ बढ़ रहा था।
भूपेंद्र ने क्लाइंट इंवायरमेंट को हाई प्रेशर वाला बताया है। उन्होंने कहा है कि क्लाइंट किसी भी समस्या का तुरंत सोल्यूशन चाहते है, तो काफी हद तक संभव नहीं होता है। इस तरह के माहौल ने काम को टॉक्सिक बना दिया था और इसके कारण कर्मचारी की कल्याणकारी नीतियों को भी नुकसान हो रहा था।