मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर (सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : भारत के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर से एक बहुत अच्छी खबर आयी है। कुछ आंकड़ों के अनुसार, ये जानकारी मिली है कि जून के महीने में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट बढ़कर 14 महीने केहाई लेवल पर पहुंच गई हैं। इससे प्रोडक्शन और नए ऑर्डर में तेजी आने के साथ ही रोजगार में भी रिकॉर्ड ग्रोथ होने का इशारा मिला है। मंगलवार को सामने आए एक मंथली सर्वे में ये जानकारी दी गई है।
मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक मई में 57.6 था। क्रय प्रबंधक सूचकांक यानी पीएमआई की भाषा में, 50 से ऊपर का अंक विस्तार का इशारा देता है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को बताता है। एचएसबीसी के भारत में मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा है कि भारत का मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई जून में 14 महीने के हाई लेवल 58.4 पर पहुंच गया। मजबूत डिमांड ने प्रोडक्शन, नए ऑर्डरों और एम्पॉलयमेंट जनरेशन में विस्तार को बढ़ावा दिया।
जून में नए ऑर्डर में भी तेजी देखने के लिए मिली है। विस्तार की दर लगभग 1 साल में सबसे मजबूत थी। समिति के सदस्यों के अनुसार बढ़त को मार्केटिंग प्रयासों और एक्सपोर्ट में पर्याप्त बढ़त से सपोर्ट मिला। जून में नए एक्सपोर्ट ऑर्डर में पर्याप्त बढ़त हुई। भंडारी ने कहा कि मजबूत डिमांड को बनाए रखने के लिए इंडियन मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों के पास तैयार माल का स्टोरेज लगातार कम हो रहा है।
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कंपनियों ने कहा कि सर्वे के 20 से ज्यादा सालों के इतिहास में इस बार विदेशी ऑर्डर में सबसे तेज ग्रोथ रही। सर्वे में कहा गया कि मजबूत सेल्स ने मैन्यूफैक्चर्स के बीच भर्ती को बढ़ावा दिया, जिससे रोजगार रिकॉर्ड स्पीड से बढ़ा। हालांकि, इस बात का इशारा हैं कि ज्यादातर भर्ती शॉर्ट टर्म हैं। कीमत के मोर्चे पर, लागत मुद्रास्फीति फरवरी के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई और अपेक्षाकृत नगण्य रही। जून में भारतीय विनिर्माण क्षेत्र के लिए सकारात्मक नजरिया रहा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)