स्विस बैंक (सौ. सोशल मीडिया )
हाल ही में स्विस बैंकों में जमा पैसे को लेकर एक रिपोर्ट आयी है, जिसने सबको हैरान कर दिया है। दरअसल, स्विस नेशनल बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्विस बैंकों में भारतीयों के द्वारा डिपॉजिट किए गए पैसों में 3 गुना बढ़त हुई है। ये बढ़त 2023 की तुलना में साल 2024 में 3 गुना बढ़ी है और बढ़कर 3.5 अरब स्विस फ्रैंक तक हो गई है। अगर भारतीय रुपये के अनुसार देखा जाए तो ये राशि लगभग 37,600 करोड़ रुपये है।
स्विस नेशनल बैंक ने कल यानी 19 जून को ये आंकड़े साझा किए थे। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर स्विस बैंक में इतना पैसा कहां से आया है? क्या ये काला धन है, जिसे स्विस बैंक में छुपाया जा रहा है?
आपको बता दें कि साल 2024 में स्विस बैंकों में भारतीयों के द्वारा जमा पैसा 3.5 अरब स्विस फ्रैंक यानी करीब 37,600 करोड़ रुपये हो गया है। ये साल 2023 के मुकाबले में 3 गुना ज्यादा बढ़ गया है। साल 2023 में ये राशि सिर्फ 1.04 अरब स्विस फ्रैंक यानी 11,000 करोड़ रुपये हुआ करती थी। हालांकि साल 2021 के बाद ये सबसे ज्यादा राशि है, तब ये 3.83 अरब स्विस फ्रैंक यानी 41,000 करोड़ थी।
स्विस बैंक में जमा होने वाला ये पैसा भारतीयों और उनकी कंपनियों का हैं। हालांकि ज्यादातर बढ़त बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट के माध्यम से आए फंड्स के कारण हुई है। पर्सनल अकाउंट में जमा राशि में सिर्फ 11 प्रतिशत की ही बढ़त हुई है, जो लगभग 346 मिलियन स्विस फ्रैंक यानी लगभग 3,675 करोड़ रुपये है। जिसका सीधा मतलब है कि टोटल अमाउंट का सिर्फ 10वां हिस्सा की पर्सनल अकाउंट्स से है। बचा हुआ पैसा बैंकों, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स, सिक्योरिटीज और बॉन्ड्स के माध्यम से आया है?
अगर आप भी ऐसा सोचते हैं कि स्विस बैंक में जमा सारा पैसा काला धन होता है, तो आप गलत है। स्विस ऑफिसर्स और भारतीय सरकार ने इस बात को साफ किया है कि स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा काला धन नहीं हो सकता हैं। ये आंकड़े स्विस नेशनल बैंक यानी एसएनबी के ऑफिशियल रिकॉर्ड से हैं, जो बैंको की लाइबिलिटीज को दिखाता हैं।
स्विस बैंक में पैसा जमा करने का सबसे बड़ा कारण ये है कि इंटरनेशनल ट्रेड और ट्रांसेक्शन आसान हो जाता है। दूसरा कारण, बॉन्ड्स, सिक्योरिटीज में इंवेस्ट करने से बेहतर रिटर्न मिलता हैं। तीसरा कारण है कि स्विट्जरलैंड के स्थिर और सिक्योर बैंकिंग सिस्टम का फायदा भी मिलता है। चौथा कारण ये है कि फॉरेन करेंसी मैनेजमेंट और ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम में भी हिस्सेदारी मिलती है।
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स्विस बैंक स्विट्जरलैंड में मौजूद वो बैंक हैं, जो अपनी प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिए वर्ल्ड फेमस हैं। इन बैंकों में लोग अपना पैसा इसीलिए जमा करवाते हैं ताकि उनके अकाउंट की जानकारी किसी को नहीं दी जाती है यहां तक की अकाउंट होल्डर के देश और सरकार को भी नहीं।