रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत में डिजिटल क्रांति आयी है। इस डिजिटलाइजेशन के बाद देश में कई अहम बदलाव हुए है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस डिजिटलीकरण को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि डिजिटलाइजेशन से आने वाली पीढ़ी को बैंकिग क्षेत्र में मार्गदर्शन मिल रहा है। इससे कम लागत पर बेहतर फाइनेंशियल सर्विस मिलने में सुधार हुआ है और साथ ही ऐसा करने से कम लागत पर अच्छे तरीके से लाभ मिल रहा है।
आपको बता दें कि सोमवार को रिजर्व बैंक के द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिससे पता चला है कि भारत की डिजिटल इकोनॉमी 2026 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पांचवां हिस्सा बन सकती है। साल 2023-24 के लिए जारी की जाने वाली मुद्रा और वित्त पर रिपोर्ट आने के बाद रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास फाइनेंशियल सेक्टर में डिजिटलाइजेशन के कारण युवाओं का बैंकिग सेक्टर की ओर ध्यान केंद्रीत होने की बात कही है।
आरबीआई के द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट से पता चला है कि भारत अन्य देशों के मुकाबले डिजिटल क्रांति में सबसे आगे है। इस रिपोर्ट के अनुसार देश ने तेजी से डिजिटल पेमेंट करके ना केवल फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी ( फिनटेक) को अपनाया है बल्कि बायोमेट्रिक पहचान, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई), मोबाइल कनेक्टिविटी, डिजिटल लॉकर और सहमति-आधारित डेटा साझाकरण के मामले में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी है।
आरबीआई की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में आयी डिजिटल क्रांति से बैंकिग इंफ्रास्क्रचर और पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम में बढ़त हुई है, जिससे डायरेक्ट बैनिफिट्स ट्रांसफर और टैक्स कलेक्शन दोनों में मदद मिल रही है। इस रिपोर्ट की मानें तो डिजिटलाइजेशन से ई- बाजार भी उभर रहे हैं और अपनी पहुंच का दायरा बढ़ा रहे है। इस रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल डिजिटल इकोनॉमी का भारत की जीडीपी का 10वां हिस्सा है। पिछले 10 सालों में हुए ग्रोथ रेट को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि 2026 तक डिजिटल इकोनॉमी भारत की जीडीपी का 5वां हिस्सा बन सकती है।
आपको बता दें कि देश की डिजिटल इकोनॉमी बढ़ाने में कई अहम फेक्टर ने अहम भूमिका निभायी है। इस कड़ी में सबसे अहम रोल इंटरनेट ने निभाया है, भारत में साल 2023 में इंटरनेट की पहुंच केवल 55 प्रतिशत हुआ करती थी जबकि 3 सालों में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की संख्या में वृद्धि हुई है और अभी ये संख्या 199 मिलियन तक पहुंच गई है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस रिपोर्ट की प्रस्तावना में बताया है कि इस डिजिटल क्रांति में यूपीआई ने भी अहम भूमिका निभायी है, जिसके कारण ऑनलाइन ट्रांसेक्शन करना सुविधाजनक हो गया है और ये डिजिटल पेमेंट का सबसे तेज तरीका बन गया है।