कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। इस मुकाम पर पहुंचने में कई सेक्टरों ने अहम भूमिका निभायी है और उन्हीं सेक्टर में से एक सेक्टर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर हैं। वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स की हाल में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, भारत वर्तमान समय में दुनिया का सबसे सस्ता मैन्यूफैक्चरिंग हब बन गया है।
यूएस न्यूज एंड वर्ल्ड रिकॉर्ड ने इस बात की पुष्टि की है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने चीन और वियतनाम जैसे देशों को इस रेस में पछाड़ दिया है और सबसे सस्ता प्रोडक्शन सेंटर बनकर उभरा है। ये उपलब्धि भारत की तेजी से उभरती मैन्यूफैक्चरिंग कैपेसिटी और कॉम्पीटिटीव कॉस्ट की ओर इशारा करती है।
वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स यानी डब्ल्यूओएस ने इस रिपोर्ट के आधार पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 89 देशों की लिस्ट जारी की है, जिसमें दुनिया में सबसे कम मैन्यूफैक्चरिंग कॉस्ट वाले देशों की रैंकिंग दी गई है। भारत इस लिस्ट में पहले पायदान पर है, जबकि चीन इस लिस्ट में दूसरे और वियतनाम तीसरे स्थान पर हैं। ये लिस्ट ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग वर्ल्ड में भारत की बढ़ती अहमियत को दिखाती है।
Countries have the cheapest manufacturing costs:
1.🇮🇳 India
2.🇨🇳 China
3.🇻🇳 Vietnam
4.🇹🇭 Thailand
5.🇵🇭 Philippines
6.🇧🇩 Bangladesh
7.🇮🇩 Indonesia
8.🇰🇭 Cambodia
9.🇲🇾 Malaysia
10.🇱🇰 Sri Lanka
~
12.🇬🇭 Ghana
13.🇰🇪 Kenya
14.🇲🇽 Mexico
16.🇿🇦 South Africa
20.🇨🇴 Colombia
22.🇸🇻 El…— World of Statistics (@stats_feed) May 29, 2025
इस लिस्ट के टॉप 10 देशों में भारत के अलावा थाईलैंड, बांग्लादेश, फिलीपींस, कंबोडिया, मलेशिया, इंडोनेशिया और श्रीलंका जैसे देशों का नाम शामिल हैं। इन सभी देशों में प्रोडक्शन कॉस्ट बाकी देशों की तुलना में काफी कम है, जिससे ये देश ग्लोबल कंपनियों के लिए आकर्षक मैन्यूफैक्चरिंग डेस्टिनेशन बनते जा रहे हैं।
इस लिस्ट में थाईलैंड चौथे पायदान पर, फिलीपींस पांचवें पायदान पर, बांग्लादेश छठवें पायदान पर, इंडोनेशिया सातवें पायदान पर, कंबोडिया आठवें पायदान पर, मलेशिया नौवें पायदान पर और श्रीलंका दसवें पायदान पर हैं। इस रैंकिंग में अफ्रीकी और दक्षिणी अमेरिकी देश जैसे घाना, केन्या, साउथ अफ्रीका, कोलंबिया और ब्राजील जैसे देश भी शामिल हैं, जो बढ़ते मैन्यूफैक्चरिंग मार्केट के तौर पर उभर रहे हैं।
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इस रिपोर्ट से ये साफल होता है कि भारत ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग का नया सेंटर बन सकता है। भारत की कम कॉस्ट, वाइड वर्कफोर्स, बेहतर लॉजिस्टिक्स और सरकार की ओर से लगातार किए जाने वाले नीतिगत सुधार देश को मेक इन इंडिया जैसी मुहिम के जरिए मैन्यूफैक्चरिंग के लिए आइडियल डेस्टिनेशन बना रहे हैं। एक्सपर्ट्स की राय है कि अगर भारत इसी तरह से आगे बढ़ता रहा, तो आने वाले भविष्य में ये ना सिर्फ प्रोडक्शन कॉस्ट के मामले में बल्कि क्वालिटी और एक्सपोर्ट में भी ग्लोबल कॉम्पीटिशन में लीड करेगा।