
एशिया की ग्रोथ का सुपरइंजन बना भारत, ADB ने बताई ताकत (सोर्स- सोशल मीडिया)
ADB Raises India Forecast: एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत की आर्थिक प्रगति को लेकर बेहद उत्साहजनक रिपोर्ट जारी की है। ADB ने स्पष्ट किया है कि भारत अब पूरे एशिया की ग्रोथ का ‘सुपरइंजन’ बन गया है। मजबूत इकोनॉमिक ग्रोथ आंकड़ों के दम पर, ADB ने 2025 के लिए एशिया के विकास अनुमानों में महत्वपूर्ण वृद्धि की है। यह वृद्धि दर्शाती है कि एशिया की आर्थिक मजबूती में भारत का योगदान सबसे अधिक हो रहा है।
एशियाई विकास बैंक (ADB) ने अपने नवीनतम एशियाई ग्रोथ आउटलुक अपडेट में घोषणा की है कि भारत और वियतनाम अब एशिया के ग्रोथ के ‘सुपरइंजन’ बन गए हैं, जिन्होंने पहले के प्रमुख देश चीन और जापान की जगह ले ली है।
यह बदलाव भारत की असाधारण आर्थिक वृद्धि के कारण हुआ है। भारत ने अपनी दूसरी तिमाही में 8 फीसदी से अधिक की इकोनॉमिक ग्रोथ दर्ज की है, जो पूरे एशिया क्षेत्र में सबसे मजबूत आंकड़ों में से एक है।
भारत की इस मजबूती को देखते हुए ADB ने पूरे एशिया के विकास अनुमान में इजाफा किया है। ADB के अनुसार, 2025 में एशिया की ग्रोथ रेट अब 5.1 फीसदी रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा सितंबर में लगाए गए 4.8 फीसदी और अप्रैल के 4.9 फीसदी के शुरुआती अनुमान से काफी ज्यादा है। बैंक ने व्यापार अनिश्चितता में कमी और AI तथा इलेक्ट्रॉनिक्स साइकिल में तेजी का हवाला देते हुए 2026 के ग्रोथ अनुमान को भी 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 4.6 फीसदी कर दिया है।
उप-क्षेत्रीय संभावनाओं में भी बड़ा सुधार देखा गया है, खासकर दक्षिण एशिया में। दक्षिण एशिया के लिए इस वर्ष 6.5 फीसदी की वृद्धि दर की उम्मीद है, जो पहले के 5.9 फीसदी के अनुमान से अधिक है।
यह वृद्धि मुख्य रूप से भारत के मजबूत प्रदर्शन पर आधारित है, जिसने सितंबर में समाप्त होने वाली अपनी दूसरी वित्तीय तिमाही में 8.2 फीसदी की वृद्धि दर के अनुमान को पीछे छोड़ दिया है। वहीं, दक्षिण-पूर्व एशिया में भी वृद्धि दर 4.3 फीसदी से बढ़कर 4.5 फीसदी रहने की उम्मीद है।
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जहां एक ओर भारत एशिया की ग्रोथ को गति दे रहा है, वहीं चीन में चुनौतियां बरकरार हैं। चीन का 2025 का ग्रोथ पूर्वानुमान 4.7 फीसदी से बढ़कर 4.8 फीसदी हुआ है, लेकिन यह अभी भी बीजिंग के 5.0 फीसदी के लक्ष्य से कम है।
ADB ने कहा कि देश के प्रॉपर्टी सेक्टर में जारी कमजोरी का असर इंफ्रा और मैन्युफैक्चरिंग निवेश पर पड़ रहा है। ADB ने यह चेतावनी भी दी है कि टैरिफ में संभावित पुनः वृद्धि, व्यापार नीति अनिश्चितता और वित्तीय बाजार में अस्थिरता भविष्य के लिए महत्वपूर्ण नकारात्मक जोखिम बने हुए हैं।






