File Photo
दिल्लीः देश के करोड़ों टैक्सपेयर्स (Tax Payer) के लिए एक अहम खबर है। आप 1 अप्रैल यानी नए फाइनेंसियल ईयर (New Financial Year) से नया ITR जमा करना शुरू कर सकते हैं। नए साल में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR File) करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 है। अगर आप इस तारीख के बाद अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो आपको पेनाल्टी (Penelty) देनी होगी। साथ ही अगर आप टैक्स बचाने के लिए गलत जानकारी दे रहे हैं या गलत रास्ता अपना रहे हैं तो आप और मुश्किल में पड़ सकते हैं। अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो अब सावधान हो जाइए, क्योंकि अब आप इनकम टैक्स की नजर से नहीं बच सकते।
महंगे फ्लैट और घर खरीदने वालों, विदेश घूमने (Foreign Travel) और महंगी गाड़ियां खरीदने वालों पर अब इनकम टैक्स (Income Tax) की नजर है। इनकम टैक्स ने देखा है कि देश में ऐसे लोग हैं जो विदेश यात्रा करते हैं, महंगे फ्लैट और वाहन खरीदते हैं, लेकिन इनकम में अपनी आय को कम करके दिखाते हैं। ऐसे में सबसे पहले उनके द्वारा दी गई आय और महंगे फ्लैट और खरीदे गए वाहनों पर हुए खर्च की डिटेल को मिलाया जायेगा। यदि कोई गड़बड़ी या हेर-फेर पाई जाती है तो तत्काल कार्रवाई (Action) की जाएगी, नोटिस (Notice) भेजा जाएगा।
नोटिस का जवाब देने के बाद अंतिम कार्रवाई की जाएगी। सीबीडीटी अधिकारी (CBDT Officer) के मुताबिक इस साल के लिए टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य 16 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। वर्तमान के आंकड़ों के अनुसार, 10 जनवरी तक कुल टैक्स 14.71 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। साथ ही रिटर्न जारी होने के बाद कर संग्रह 12.31 लाख करोड़ रुपये हो गया है। ऐसे में करंट फाइनेंसियल ईयर (Current Financial Year) में टैक्स का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नजर नहीं आ रहा है। इसके अलावा अगले फाइनेंसियल ईयर के लिए टैक्स कलेक्शन में 15 से 20% वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। यानी अगले वर्ष में 19 लाख करोड़ रुपए टैक्स कलेक्शन के लिए बचे रहेंगे।
File Photo
सीबीटीडी के अधिकारी ने कहा कि अगले वर्ष में टैक्स बढ़ाने के लिए टैक्स चोरी रोकने के अलावा टैक्सपेयर भी बढ़ाई जानी चाहिए और इसी को ध्यान में रखते हुए इस अभियान को अमलीजामा पहनाया जाएगा। इस अभियान के तहत महंगे वाहन और फ्लैट-मकान खरीदने या विदेश यात्रा करने वालों द्वारा पेमेंट की जाने वाली टैक्स की राशि की जांच की जाएगी। ऐसे लोग टैक्स दें या न दें, साथ ही कोई टैक्स चोरी हो, हर पहलू की जांच की जाएगी। इसका मतलब है कि ज्यादा खर्च करने वाले कम इनकम नहीं दिखा पाएंगे और कम टैक्स चुका पाएंगे। इसके बाद उन्हें उचित इनकम दिखानी होगी और उचित टैक्स का पेमेंट करना होगा।