प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: यदि किसी भी टैक्सपेयर्स का बैंक या अन्य संस्थानों ने गलत तरीके से या ज्यादा रकम टीडीएस के रूप में काट लिया है तो उसमें सुधार किया जा सकते हैं। इसमें सुधार के लिए उनके पास 31 मार्च तक का समय है। इसके साथ ही ऐसे टैक्सपेयर्स जिनके टीडीएस की जानकारी वार्षिक सूचना रिपोर्ट या फॉर्म 26AS में शो नहीं हो रही है वे भी 31 मार्च तक सुधार कर सकते हैं। अब टीडीएस रिटर्न में सुधार करने के लिए सरकार ने लिमिट को छह साल कर दी है। ताकि करदाताओं को गलतियों को संशोधित करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। छह वर्ष की समय सीमा तब से शुरू होती है जिस वित्त वर्ष में जब संशोधित टीडीएस रिटर्न दाखिल किया गया हो।
आकलन वर्ष 2018-19 के दौरान दाखिल किये गए रिटर्न में यदि करदाता अभी भी सुधार करना चाहते हैं तो उनके पास 31 मार्च तक का समय है। इसके लिए टैक्सपेयर्स को अपने टीडीएस रिटर्न में सुधार करना होगा। इसके लिए बैंक या अन्य संस्थान से जहां से भी टीडीएस में गलती हुई है उनसे गलती को सुधरने के लिए अनुरोध करना होगा। इस सुधार के बिना क्लेम नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही 2024-25 के चौथी तिमाही के ट्रेस पोर्टल के माध्यम से फॉर्म-16 के पार्ट-बी और फॉर्म-24क्यू के लिए जारी नए अपडेट का भी पालन करना होगा।
अब टीडीएस का स्टेटस चेक कर सकते हैं। अगर सही स्टेटस नहीं दिखता या गायब है तो जिस संस्थान के द्वारा टीडीएस की कटौती की गई है उसने गलत जानकारी दर्ज की है।इसके बाद आपको उस संस्थान से सही टीडीएस की गणना के लिए अनुरोध करना होगा। यदि टीडीएस काटने वाले संस्थान टीडीएस की गलती में सुधार करने से इनकार कर दें, तब आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर उस संस्थान के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
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इसके लिए आपको https://contents.tdscpc.gov.in पर जाना होगा।
अब रिक्वेस्ट फॉर रेजोल्यूशन पर क्लिक करें। इसके बाद आपको श्रेणी का चयन करके शिकायत दर्ज करनी होगी।
यदि ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के बाद भी समाधान नहीं मिले तो आकलन अधिकारी से शिकायत की जा सकती है।