(कॉन्सेप्ट फोटो)
GST Rate Cut: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हाल ही में जीएसटी दरों में भारी कटौती की है ताकि रोजमर्रा की जरूरी चीजे और सेवाएं सस्ती हो सकें। लेकिन, जमीनी हकीकत कुछ और ही है। दुकानदार और ऑनलाइन स्टोर्स अब भी वही पुराने दाम वसूल रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं को जीएसटी में कटौती का असली लाभ नहीं मिल पा रहा। ये फर्क सीधे तौर पर सवाल उठाता है कि टैक्स राहत का फायदा आखिर किसकी जेब में जा रहा है, आपकी या दुकानदार की?
कई उपभोक्ता इस मुद्दे को लेकर परेशान हैं और शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने टॉल फ्री नंबर, WhatsApp और INGRAM पोर्टल के जरिए शिकायत दर्ज करने की सुविधा शुरू की है। टॉल फ्री नंबर: 1915 WhatsApp: 8800001915 Portal: INGRAM (Integrated Grievance Redressal System) साथ ही, GST का स्ट्रक्चर भी अब सरल कर दिया गया है।
गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता और ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की मौजूदगी में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में गुड्स एंड सर्विस टैक्स को लेकर कई अहम बदलाव किए गए। पहले के मुकाबले अब जीएसटी के सिर्फ दो स्लैब हैं- 5% और 18%, जिससे 99% चीज़ें सस्ती हो चुकी हैं। तो अगर दुकानदार GST कटौती के बावजूद आपसे ज़्यादा वसूल रहा है, तो चुप मत रहिए- शिकायत कीजिए। ये कंज्यूमर का हक और जिम्मेदारी दोनों हैं।
ग्राहकों से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद सरकार एहतियाती तौर पर कई कदम उठाए हैं। जीएसटी की टीम लगातार मार्केट में घूम-घूमकर सर्वे कर रही है। जीएसटी की अलग-अलग टीमें जांच कर रही हैं कि कोई दुकानदार ग्राहकों से तय रेट से अधिक कीमत की वसूली तो नहीं कर रहा है। हालांकि, इसके बावजूद भी शिकायतों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।
ये भी पढ़ें: ITR Refund: अब तक नहीं मिला रिफंड, बिना देर डालें Refund Reissue रिक्वेस्ट; ये है पूरी प्रक्रिया
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने यह साफ किया है कि कोई भी ग्राहक चाहे तो नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेत हैं। गौरतल है कि 22 सितंबर से अब देश में केवल दो जीएसटी स्लैब 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत ही लागू हैं। अगर कोई दुकानदार या ऑनलाइन स्टोर्स इसके अलावा दूसरी जीएसटी ले रही है तो वह गैर कानूनी है।