प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: सोने में इंवेस्टमेंट के लिए यह अब तक का सबसे बेहतरीन समय है, क्योंकि सेफ प्रॉपर्टी के रूप में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। यही कारण है कि सोने का भाव भी रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। अब तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी गोल्ड लोन के नियमों में उलटफेर करते हुए LTV यानी कि लोन-टू-वैल्यू रेश्यो को 75 फीसदी से बढ़ाकर 85 फीसदी करने का ऐलान कर दिया है। आसान भाषा में आप इसको इस तरह समझ सकते है कि 2.5 लाख रुपये के सोना गिरवी रखकर इसके बदले में आप 75 परसेंट की जगह अब 85 परसेंट तक का लोन ले सकते हैं।
गौरतलब है कि साल 2022 से दुनिया भर के सेंट्रल बैंक भी अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ाने में लगे हुए हैं। गोल्ड ETFs में भी इंवेस्ट होने लगा है। सोने की मांग सप्लाई से काफी अधिक बढ़ चुकी है, इस स्थिति में सोने का दाम बढ़ना ही है। सोने की कीमत अक्टूबर 2022 में 1,500 डॉलर से बढ़कर आज 3400 डॉलर के पार पहुंच गई है।
बीते 2 साल 8 महीने में सोने ने 125 परसेंट तक का शानदार रिटर्न दिया है। पिछले एक साल में सोने की कीमत में 50 परसेंट से अधिक की वृद्धि हुई है। पिछले 10 सालों में सोने ने लगभग 180 परसेंट का रिटर्न दिया है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सोने की कीमतों में आगे भी यही तेजी जारी रहेगी?
22 अप्रैल, 2025 को सोने की कीमत 3,500 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच चुकी है। क्या सोने की कीमतों में यही तेजी आगे भी जारी रहेगी? गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि केंद्रीय बैंक की मांग लंबे समय में सोने की कीमतों को नए रिकॉर्ड ऊंचाई पर ले जाएगी।
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गोल्डमैन का भी अनुमान है कि 2025 के अंत तक सोने की कीमत बढ़कर 3,700 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस हो जाएगी और अगर अमेरिका में मंदी आती है तो यह 3,880 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस हो जाएगी। गोल्डमैन का अनुमान है कि 2025 के अंत तक सोना 4,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। जेपी मॉर्गन ने भी अमेरिकी टैरिफ के चलते बढ़ती महंगाई की आशंंका और अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर को देखते हुए अगले साल तक सोना 4000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचने का अनुमान जताया है। सिटी रिसर्च ने भी सोने का प्राइस टारगेट 3,200 डॉलर से बढ़ाकर 3,500 डॉलर प्रति औंस कर दिया था, जो अब हासिल हो चुका है।