(कॉन्सेप्ट फोटो/नवभारत लाइव डॉट कॉम)
Gold vs Share Market Return: घरेलू सर्राफा बाजार के आंकड़ों पर नजर डाले तो पिछले कुछ समय के दौरान सोना का भाव काफी तेजी से ऊपर की ओर चढ़ा है। सोने की कीमतों में लगातार बनी तेजी को देखते हुए निवेशक अब गोल्ड को निवेश के लिए एक बेहतर विकल्प के रूप में देख रहे हैं। लेकिन, कुछ ऐसे भी लोग हैं जो शेयर मार्केट और सोना को लेकर काफी कंफ्यूजन में हैं और उनके मन में सवाल है कि इन दोनों में सबसे अधिक रिटर्न कहां से मिलेगा। आइए आंकड़ों के जरिए इस कंफ्यूजन को दूर करते हैं।
स्टॉकिस्ट की मजबूत खरीदारी के कारण मंगलवार को दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने का भाव 1,000 रुपये बढ़कर एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल को पार कर गया। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत चार हफ्ते पहले हाई लेवल 1,00,020 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई। इससे पहले,19 जून को सोना एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल को छुआ था।
विश्लेषकों का ऐसा मानना है कि वैश्विक संघर्ष और ट्रेड वॉर के चलते लोग सुरक्षित निवेश के रूप में सोना खरीद रहे हैं। फिलहाल सोने में बहुत बड़ी गिरावट आने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। मई 2019 से जून 2025 तक भारत में सोने की कीमत 30,000 रुपये बढ़कर 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है। अगर इस अवधी के दौरान हुई बढ़ोतरी को देखें तो यह 200 प्रतिशत से अधिक का उछाल है। वहीं शेयर मार्केट की बात करें तो इस समय के दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी-50 लगभग 120 प्रतिशत का ही रिटर्न दिया है।
2015 से लेकर अब तक सोने का अधिकांश वर्षों में सेंसेक्स और निफ्टी-50 दोनों से अच्छा प्रदर्शन रहा है। इसकी मुख्य वजह लगातार दुनिया में बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता, मॉनेटरी अनस्टेबिलिटी, निवेशकों की मजबूत डिमांड है। विशेषज्ञ संभावित मुनाफावसूली और शॉर्ट टर्म सुधारों के बावजूद, गिरावट पर सोने की खरीदारी करने की सलाह दे रहे हैं।
वर्ष | निफ्टी | बीएसई सेंसेक्स | एमसीएस गोल्ड |
---|---|---|---|
2015 | -4.06 | -5.03 | -6.75 |
2016 | 3.01 | 1.95 | 11.35 |
2017 | 28.65 | 27.91 | 5.11 |
2018 | 3.15 | 5.91 | 7.91 |
2019 | 12.02 | 14.38 | 23.79 |
2020 | 14.90 | 15.75 | 27.97 |
2021 | 24.12 | 21.99 | -4.21 |
2022 | 4.33 | 4.44 | 13.90 |
2023 | 20.03 | 18.74 | 15.37 |
2024 | 8.80 | 8.17 | 20.61 |
2025 | 6.12 | 5.20 | 30.40 |
(साल 2015 से लेकर अब तक सोने और शेयरों के मुनाफे)
फाइनेंशियल अनस्टेबिलिटी, हाई इन्फ्लेशन और दुनिया के कई हिस्सों में युद्ध की स्थिति के बीच सोना निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। पिछले छह साल में कई ऐसे कारण सामने आए जिनमें कोविड-19 महामारी, यूक्रेन-रूस वॉर, लगातार बढ़ती महंगी ग्लोबल इकोनॉमिक की स्लो ग्रोथ और आक्रमक केंद्रीय बैंक खरीद शामिल हैं।
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जानकारों का मानना है कि इस साल की पहली छमाही में मजबूत रिटर्न के बाद सोना दूसरी छमाही में भी तेजी जारी रखने की अच्छी स्थिति में है। हालांकि हाई लेवल पर डिमांड बढ़ने के बाद सुस्ती के कारण, नई तेजी शुरू होने से पहले सोने में कुछ मुनाफा वसूरी देखने को मिल सकती है, इसलिए, गिरावट के समय गोल्ड की खरीदारी रणनीतिक रूप से समझदारी भरा कदम होगा।