धीरूभाई अंबानी (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : आज की तारीख में भारत के सबसे बड़ी बिजनेसमैन फैमिली में अंबानी परिवार का नाम शामिल है। ये परिवार का नाम सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी सफल परिवारों की गिनती में शामिल हैं। इस परिवार की सबसे मजबूत नींव धीरूभाई अंबानी ने रखी थी। इस परिवार को इस मुकाम पर पहुंचाने में धीरूभाई अंबानी ने काफी कठिन मेहनत, संघर्ष और दूरदृष्टि से रखी है। उनका जीवन इस बात का गवाह है कि अंबानी परिवार के यहां तक पहुंचने में धीरूभाई ने कितनी मेहनत की है।
आपको बता दें कि अंबानी परिवार के मुखिया धीरूभाई अंबानी का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 28 दिसंबर 1932 को गुजरात के चोरवाड़ गांव में एक साधारण परिवार में हुआ था। परिवार की आर्थिक परेशानी के कारण उन्हें 10वीं के बाद ही अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। 17 साल की आयु में परिवार की मदद के लिए उन्होंने यमन के अदन शहर में एक पेट्रोल पंप पर नौकरी करना शुरू कर दी थी। जहां उन्हें सिर्फ 300 रुपये मंथली इनकम मिलती थी। उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए उन्हें जल्द ही इस फिलिंग स्टेशन का मैनेजर बना दिया गया था।
धीरूभाई अंबानी 1954 में भारत लौटे थे। 500 रुपये की मामूली बचत और बड़े सपनों को लेकर वे मुंबई के एक छोटे से कमरे से लेकर रिलायंस कॉमर्स कॉरपोरेशन तक का सफर तय किया था। उनकी कंपनी ने भारत के लिए पॉलिस्टर धागे को इंपोर्ट करने का काम शुरू किया था और साथ ही इस कंपनी ने मसाले का भी एक्सपोर्ट शुरू कर दिया था। धीरूभाई ने धीरे-धीरे अपने व्यापार को आगे बढ़ाया और 1966 में विमल ब्रांड के साथ टेक्सटाइल इंडस्ट्री में कदम रखा था। ये ब्रांड जल्द ही भारतीय बाजार पर छा गया था और इसके कारण धीरूभाई को अपनी अलग पहचान मिली थी।
धीरूभाई ने टेक्सटाइल के साथ साथ पेट्रोकेमिकल, रिफाइनिंग और अन्य सेक्टरों में भी कदम रखा था। इसके माध्यम से ना सिर्फ रिलायंस इंडस्ट्री का बिजनेस बढ़ा बल्कि इसके जरिए लाखों लोगों को रोजगार मिला है। उनकी दूरदृष्टि और लीडिंग क्वालिटी ने साल 2000 तक रिलायंस को भारत की नंबर 1 कंपनी बना दिया था, जिसकी वैल्यूएशन 62 हजार करोड़ रुपये थी।