
सीमेंट इंडस्ट्री (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : डालमिया इंडिया ने भारत के सीमेंट सेक्टर को लेकर बड़ा बयान दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि बड़ी कंपनियों के द्वारा सीमेंट इंडस्ट्री में इंटीग्रेशन जारी रहने की आशंका है। इसके साथ ही मुख्य कंपनियां आने वाले 2 सालों में अपनी कैपेसिटी शेयर को 60 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा सकती हैं।
भारत की चौथी सबसे बड़ी सीमेंट मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी की ताजा सालाना रिपोर्ट के अनुसार, डालमिया सीमेंट को वित्त वर्ष 2025-26 में सीमेंट सेक्टर के लिए 7 से 8 प्रतिशत की बढ़त की उम्मीद है। पिछले साल लोकसभा चुनावों और अनियमित बारिश के बीच सीमेंट की डिमांड लगभग 5 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।
कंपनी के प्रबंध निदेशक यानी एमडी गौतम डालमिया और प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यानी सीईओ पुनीत यदु डालमिया ने कहा है कि हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 2025-26 में डिमांड ग्रोथ सालाना आधार पर 7-8 प्रतिशत पर वापस आ जाएगी, जो सभी प्रमुख कारकों – रेसिडेंट, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और प्राइवेट इंवेस्टमेंट से हेल्दी डिमांड के कारण होगी। इस साल मजबूत प्राइस डिटरमिनेशन और कॉस्ट सेविंग पर ध्यान देने से भी प्रॉफिट होने की उम्मीद है।
इंटीग्रेशन के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले 3 सालों के दौरान इस सेक्टर में ग्रोथ हुई है और टॉप 4 कंपनियों की क्षमता हिस्सेदारी 2021-22 के लगभग 48 प्रतिशत से बढ़कर 2024-25 में लगभग 58 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने शेयरहोल्डर्स से कहा कि केवल वित्त वर्ष 2024-25 में 5.2 करोड़ टन की कैपेसिटी एक हाथ से दूसरे हाथ में गई। हालांकि, पिछले 20 सालों में इंडस्ट्री की कुल स्थापित सीमेंट कैपेसिटी 5 से 6 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।
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उन्होंने कहा है कि अगले कुछ साल के दौरान सप्लाई में 7 से 8 प्रतिशत की दर से बढ़त होने की उम्मीद है, जो सीमेंट इंडस्ट्री के क्षमता उपयोग को करेंट लेवल पर बनाए रखेगा। सीमेंट इंडस्ट्री की स्थापित क्षमता वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक लगभग 67 करोड़ टन तक पहुंचने का अनुमान जताया जा रहा है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)






