
एविएशन सेक्टर (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को एक कार्यक्रम में एविएशन सेक्टर के बारे में अहम जानकारी दी है। गोयल ने जानकारी देते हुए बताया है कि भारत सरकार ने फ्रांस के एविएशन बिजनेस से हमारे देश में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया है कि भारत दुनिया के सबसे बड़े एविएशन मार्केट में से एक है। भारत के पास हाल में 1500 एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया है और इसकी कैपेसिटी 2,000 एयरक्राफ्ट तक बढ़ सकती है।
पीयूष गोयल ने फ्रांस के विदेश व्यापार सलाहकारों के एशिया-पैसिफिक प्लेटफॉर्म में अपने संबोधन में कहा है कि भारतीय कंपनियों ने फिलहाल 1,500 एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया हुआ है और हमारी ये क्षमता बढ़कर 2,000 एयरक्राफ्ट तक भी हो सकती है। फ्रांसीसी कंपनियों को इस बात का फायदा होगा यदि वे भारत में मैन्यूफैक्चरिंग की संभावनाओं के बारे में सोचते हैं और एयरक्राफ्ट्स और उसके मेनटेंस, रिपेयरिंग और अन्य इंडस्ट्री के स्पेयर पार्ट्स के लिए भारत में सेल्स बढ़ाने पर विचार सकते हैं।
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भारतीय कंपनियों के एयरक्राफ्ट्स ऑर्डर का एक बड़ा हिस्सा फ्रांसीसी कंपनी एयरबस को मिला है। भारत में 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के आने से एयरपोर्ट्स की संख्या की बढ़कर 75 से 125 हो गयी है और 2029 तक और भी 75 नए एयरपोर्ट्स चालू हो सकते हैं। गोयल ने अपने बयान में कहा है कि ये ऐसी कंपनियों के लिए एक बड़ा अवसर है, जो एयरपोर्ट्स और एविएशन सेक्टर से संबंधित उद्योगों में विकास करना चाहती हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि हम दुनिया की सभी बड़ी एविएशन कंपनियों को भारत में मैन्यूफैक्चरिंग करने के लिए प्रोत्साहन देते हैं। इतना ही नहीं हम डिफेंस एविएशन कंपनियों को 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की परमिशन भी दे रहे हैं।
पीयूष गोयल ने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, रिन्यूऐबल एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी और सर्विस सेक्टर में भी भारत के साथ पार्टनरशिप के लिए फ्रांसीसी कंपनियों को इनविटेशन दिया है। फ्रांस 11 अरब डॉलर के टोटल इंवेस्टमेंट के साथ भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 11वां सबसे बड़ा सोर्स है। लगभग 750 फ्रांसीसी कंपनियां भारत में और 75 भारतीय कंपनियां फ्रांस में ऑपरेट कर रही हैं। दोनों देशों के बीच 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 15 अरब डॉलर रहा था। इसमें भारतीय एक्सपोर्ट 7 अरब डॉलर और इंपोर्ट 8 अरब डॉलर था।






