
पीएम मोदी और ईयू लीडर। इमेज-सोशल मीडिया।
India EU Free Trade Agreement: भारत और यूरोपीय संघ के बीच प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर वार्ता अंतिम मोड़ पर पहुंच गई है। यूरोपीय संघ का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मिलेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक का उद्देश्य साल अंत तक समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में प्रगति की समीक्षा करना है।
ईयू टीम का नेतृत्व सबाइन वेयेंड, डायरेक्टर जनरल, ट्रेड विभाग कर रहीं। उनका मुख्य उद्देश्य वस्तुओं और सेवाओं से जुड़े उन मुद्दों को सुलझाना है, जिन पर अब भी दोनों पक्षों में मतभेद हैं।
भारतीय अधिकारी के मुताबिक भारत-ईयू एफटीए वार्ता में अब भी कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनना बाकी है। इनमें स्टील सेक्टर, कार्बन टैक्स, ऑटोमोबाइल और नॉन-टैरिफ बैरियर्स जैसे क्षेत्र शामिल हैं। ईयू द्वारा विशेष रूप से ऑटोमोबाइल, मेडिकल डिवाइस, वाइन, स्पिरिट, मांस और पोल्ट्री जैसे उत्पादों पर बड़ी ड्यूटी कटौती की मांग की जा रही। साथ ही यूरोपीय संघ एक मजबूत बौद्धिक संपदा अधिकार ढांचा स्थापित करने पर भी जोर दे रहा, जो उनकी प्राथमिकताओं की सूची में प्रमुख है।
भारत और यूरोपीय संघ के बीच वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 2024-25 में 136.53 अरब डॉलर पर पहुंचा। भारत का ईयू को निर्यात 75.85 अरब डॉलर,
भारत का आयात: 60.68 अरब डॉलर रहा। ईयू बाजार भारत के कुल निर्यात का 17% हिस्सा है। ईयू की भारत को निर्यात हिस्सेदारी 9% है।
विशेषज्ञों के मुताबिक समझौता लागू होने के बाद भारत के कई प्रमुख क्षेत्रों को सीधा लाभ मिल सकता है। रेडीमेड गारमेंट, फार्मास्यूटिकल्स, स्टील, पेट्रोलियम उत्पाद और इलेक्ट्रिकल मशीनरी जैसे सेक्टर यूरोपीय बाजार में प्रतिस्पर्धा को और मजबूत कर पाएंगे। इन उत्पादों की पहुंच बढ़ने के साथ भारत का निर्यात गति पकड़ेगा।
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भारत और 27 देशों वाले ईयू ब्लॉक ने जून 2022 में FTA वार्ता दोबारा शुरू की थी। इससे पहले साल 2013 में मार्केट एक्सेस को लेकर मतभेदों के कारण बातचीत रुक गई थी। इस बार वार्ता 23 नीति क्षेत्रों को कवर कर रही। इनमें व्यापार, सेवाएं, निवेश, कस्टम और व्यापार सुगमता, सरकारी खरीद, विवाद समाधान, आईपीआर और भौगोलिक संकेतक शामिल हैं। दोनों पक्ष साल अंत तक बातचीत समाप्त करने के लिए उत्सुक हैं।






