प्रतीकात्मक तस्वीर (सौजन्य सोशल मीडिया)
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आज कहा है कि अगर हम आज विकसित भारत और इकोनॉमिक ग्रोथ की बात कर रहे हैं, तो ये इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में सुधार किए बिना संभव नहीं हो पाएगा। इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर और प्राइवेटाइजेशन के अलग-अलग पहलुओं को लेकर इस सेक्टर से जुड़े प्रमुख हस्तियों और पार्टनर इंस्टीट्यूट्स ने गहन विचार विमर्श भी किया है।
शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने यहां एक सेमीनार में कहा है कि राज्य की प्रगति और जनता की भलाई के लिए इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में सुधार आज समय की डिमांड हैं।
सिंह ने कहा है कि खासतौर पर दक्षिणांचल और पूर्वांचल डिस्कॉम में तुरंत सुधार किए जाने के लिए प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। इस दौरान, विभिन्न प्रदेशों के बिजली वितरण से जुड़े विशेषज्ञों ने अपने प्रदेशों में इलेक्ट्रिसिटी सुधारों और प्राइवेटाइजेशन की सफलता की कहानी को साझा किया।
बयान में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार बेहतर इलेक्ट्रिक सिस्टम को लेकर दृढ़ संकल्पित है। मुख्यमंत्री का साफ निर्देश है कि सभी तरह के उपभोक्ताओं को क्वालिटीफुल व बाधा रहित बिजली सप्लाई की जाए और इसके लिए जरूरी सुधार किए जाएं।
कार्यक्रम में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में 75 प्रतिशत भूमि पर खेती की जाती है। इसमें बिजली का बहुत ज्यादा महत्व है। इसी तरह प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में इंडस्ट्रियल डेव्हलप्मेंट के लिए भी बाधा रहित विद्युत सप्लाई बहुत जरूरी है।उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन में पार्टनर बनाया जाना चाहिए।
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प्रमुख सचिव ऊर्जा नरेंद्र भूषण ने कहा कि दिल्ली, ओडिशा, चंडीगढ़ सहित देश के कई हिस्सों में इलेक्ट्रिसिटी सिस्टम को मजबूत करने के लिए सुधार और प्राइवेटाइजेशन किए गए हैं, जो बेहद सफल भी रहे हैं। यूपीपीसीएल के चेयरमैन आशीष गोयल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया है और सभी डिस्कॉम को मजबूत करने के लिए सरकार की कोशिश जारी है।