निर्मला सीतारमण (सोर्स:- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: आगामी केंद्रीय बजट 2024-25 को लेकर बाते तेज हो गई है। लोग अभी से अनुमान लगाना शुरू कर चुके है कि इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आम बजट के पिटारे में आम जनता के लिए क्या कुछ खास हो सकता है। लोग खासकर कई सेक्टर और सेगमेंट सब्सिडी, कर राहत और अन्य सब्सिडी की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच एक सवाल है कि इस बार एक आम बजट में घरेलू व कामकाजी महिलाओं के लिए क्या कुछ खास रहने वाला है।
आम बजट 2024-25 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तैयारी की बात करें तो सीतारमण अपनी टीम के साथ महिलाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित कई नीतियों की शुरुआत करने की उम्मीद कर रही हैं। इन नीतियों में सब्सिडी में वृद्धि और महत्वपूर्ण वस्तुओं की लागत को विनियमित करने के लिए रणनीतियों का कार्यान्वयन शामिल हो सकता है।
याद दिला दें कि फरवरी में अपने अंतरिम बजट 2024 भाषण के दौरान वित्त मंत्री सीतारमण ने खुलासा किया कि मुद्रा योजना के तहत महिला उद्यमियों को 30 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 83 लाख स्वयं सहायता समूह (SHG) एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लिए समर्पित हैं, जो इन योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के महत्व को उजागर करते हैं।
बजट पेश होने से पहले लोगों में आम बजट के लिए उत्साह रहना स्वाभाविक है वहीं इस बार तो लोग महिलाओं के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा खास पेशकस का इंतजार कर रहे है। जिसके बाद पूर्ण बजट 2024-25 के लिए माना जा रहा है कि महिलाओं की बेहतरी के लिए समर्पित विभिन्न नीतियों को शामिल करने की उम्मीद है, जिसमें सब्सिडी लागू करना और उनकी पहुँच बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण वस्तुओं की कीमतों को विनियमित करना शामिल है।
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आज के समय में कामकाजू और घरेलू महिलाओं के लिए कर एक बड़ी समस्या के तौर पर है। ये एक ऐसा विषय है जिस पर विचार करने की आवश्यकता है। महिलाओं के लिए कर छूट या लाभ देश-दर-देश काफी भिन्न हो सकते हैं, जो वैवाहिक स्थिति, रोजगार की स्थिति और माता-पिता की जिम्मेदारियों जैसे कारकों पर निर्भर करता है। जिसमें वैवाहिक स्थिति, रोजगार की स्थिति व माता पिता की जिम्मेदारियों पर विचार होना आवश्यक है।
महिलाओं के लिए एक विचार करने योग्य मुद्दा है रियायती आयकर स्लैब जिसको लेकर अनुमान ये लगाया जा रहा है कि सरकार विशेष रूप से महिलाओं को लक्षित करके रियायती आयकर स्लैब दरों को फिर से लागू करने पर विचार कर सकती है। इस पहल का उद्देश्य महिला करदाताओं के लिए कम कर दरों की पेशकश करके आर्थिक सशक्तीकरण प्रदान करना और लैंगिक समानता का समर्थन करना होगा। इस कदम से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने, महिलाओं के बीच वित्तीय स्वतंत्रता में वृद्धि होने और अधिक समावेशी और न्यायसंगत कर प्रणाली को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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अब इस में एक और बात ध्यान देने वाली है कि वैसी महिलाएं जो स्वं रोजगार करती है उनके लिए क्या खास होने वाला है क्या वे अपने व्यवसाय व्यय, गृह कार्यालय या स्टार्ट-अप लागतों के अतिरिक्त विशिष्ट उद्यमी कटौती के लिए पात्र हो सकती हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिछले कई बयानों को देखा जाए तो ये बात सपष्ट है कि इस बार कर छूट को बढ़ाकर 7.5 लाख रुपये किया जाएगा, जिससे मध्यम आय वाले करदाताओं को राहत मिलेगी। यह समायोजन संभावित रूप से खर्च और निवेश को प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा। मानक कटौती के बाद, इस आय वर्ग के अंतर्गत आने वाले व्यक्तियों को आयकर से छूट मिलेगी, जिससे संभावित रूप से खर्च और निवेश बढ़ेगा, जिससे आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा।