बजट में ग्रामीण क्षेत्र के लिए हुए ये ऐलान, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट 2025 पेश करते हुए ग्रामीण भारत के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इस बजट का मुख्य उद्देश्य गांवों की आर्थिक प्रगति को तेज करना रहा।
सरकार ने किसानों, महिलाओं, अनुसूचित जाति और जनजाति के उद्यमियों के लिए नई योजनाओं की शुरुआत की है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इस रिपोर्ट में जानेंगे कि इस बजट में ग्रामीण भारत के लिए सरकार ने कौन-कौन से बड़े फैसले लिए हैं।
बजट में प्रधानमंत्री धन ध्यान कृषि योजना की शुरुआत की गई है, जिसमें देश के 100 ऐसे जिलों को शामिल किया जाएगा जहां कृषि उत्पादन कम है, आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता सीमित है और किसानों को औसत से कम ऋण सुविधा मिलती है। इस योजना से लगभग 1.7 करोड़ किसानों को फायदा होगा।
इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे किसानों को अधिक वित्तीय सहायता मिलेगी। साथ ही, बिहार के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए वित्त मंत्री ने मखाना बोर्ड स्थापित करने की घोषणा की है, जिससे इस क्षेत्र में खेती करने वालों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
सरकार ने पहली बार गांवों में व्यवसाय करने वाली पांच लाख महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति से जुड़े उद्यमों को दो करोड़ रुपये तक का ऋण देने की योजना शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में स्वरोजगार और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना है।
इसके साथ ही, ऊर्जा क्षेत्र में सुधार करते हुए परमाणु ऊर्जा मिशन के तहत 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सरकार गिग इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए ई-श्रम मंच पर एक करोड़ गिग कर्मियों के लिए पहचान पत्र और पंजीकरण की सुविधा शुरू करने जा रही है। इस पहल से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के लाभ मिल सकेंगे। इसके अलावा, किफायती आवास योजना के तहत सरकार 40,000 नए घरों का निर्माण करेगी, जिससे लाखों लोगों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा।
वहीं, सरकार बिजली वितरण क्षेत्र में सुधार लाने के लिए 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसके अलावा, राज्यों को अपनी सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 0.5% तक अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति दी जाएगी, जिससे वे बिजली आपूर्ति प्रणाली को मजबूत कर सकें। इस कदम से खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
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वित्त मंत्री ने बजट को आर्थिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार टैक्स सिस्टम, खनन और शहरी विकास में सुधार लाने पर जोर देगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा। यह बजट गरीबी हटाने, बेहतर शिक्षा, व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं और आर्थिक अवसरों को बढ़ाने में मदद करेगा। सरकार का उद्देश्य अगले पांच वर्षों में समावेशी विकास को गति देना है, ताकि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाया जा सके।