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दिल्ली: हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) के बाद अब अडानी साम्राज्य में कुछ रोशनी आई है। अडानी समूह (Adani Group) की कंपनियों के शेयरों में उछाल आया। हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने गौतम अडानी के साम्राज्य को एक बड़ा झटका दिया। 24 जनवरी को रिपोर्ट किया गया। इसके बाद अदानी ग्रुप में भारी गिरावट शुरू हो गई। हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने अडानी समूह द्वारा नियम का गलत इस्तेमाल और शेयरों के मार्किट वैल्यू (Market Value) को बढ़ाने का आरोप लगाया।
इसके बाद इनके शेयर (Share) घर की तरह ढह गए। करीब 90% गिर गया। दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर काबिज अडानी टॉप-30 से बाहर हो गए। लेकिन अब उन्होंने शेयर बाजार में वापसी कर ली है और अब वो 24 वें स्थान पर है। दो घंटे में अडानी का मार्केट कैप बढ़कर 3,94,76,40,00,00 हो गया है। शेयर बाजार में अडानी ग्रुप के शेयरों ने भी सबसे ज्यादा बढ़त बनाई है। बीएसई (BSE) इंडेक्स पर स्टॉक 899.62 से बढ़कर 59,808.97 अंक पर पहुंच गया। पिछले कुछ दिनों से अदानी ग्रुप के लिए अच्छी चीजें हो रही हैं। दूसरी ओर, सेबी (SEBI) और आरबीआई (RBI) ने अडानी समूह पर ध्यान केंद्रित किया है। विदेशी इन्वेस्टरों ने एक महीने पहले अडानी समूह से मुंह मोड़ लिया था। अब अगर वे वापस अडानी ग्रुप में आते हैं तो उनका बोझ और भी भारी पड़ सकता है। इस बीच अमेरिका की एक फर्म ने बड़ी संख्या में अडानी ग्रुप के शेयर खरीदकर उस पर भरोसा (Trust) जताया है।
अदानी समूह ने अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ), अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL), अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड (ATL) और अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) में शेयर बेचे। यह डील एक अमेरिकी कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) ने की है। यह कंपनी अदानी ग्रुप की इन्वेस्टर (Investor) बन गई है। अदानी ग्रुप पर 2.21 लाख करोड़ रुपए का लोन (Loan) है। इस कर्ज का करीब 8% अगले वर्ष के अंत तक चुकाना है। बिक्री से पहले एईएल में 72.6% हिस्सेदारी थी। इसमें से 3.8 करोड़ शेयर या 3.39% हिस्सेदारी 5,460 करोड़ रुपए में बेची गई। प्रमोटरों (Promoters) के पास APSE में 66% हिस्सेदारी थी और उन्होंने 8.8 करोड़ शेयर या 4.1% हिस्सेदारी 5,282 करोड़ रुपये में बेची। अदाणी समूह को आने वाले महीनों में 2 अरब डॉलर से अधिक का कर्ज चुकाना है।