(कॉन्सेप्ट फोटो)
Jobs In India: भारत का व्हाइट कॉलर जॉब मार्केट आने वाले समय में मजबूत रह सकता है, क्योंकि 94 प्रतिशत नियोक्ता 2025 की दूसरी छमाही में भर्ती की योजना बना रहे हैं। यह जानकारी शुक्रवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई। जॉब प्लेटफॉर्म नौकरी की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया कि 72 प्रतिशत नियोक्ताओं ने संकेत दिया है कि वह दूसरी छमाही में नई नौकरियां पैदा करेंगे। वहीं, 22 प्रतिशत नियोक्ता केवल रिप्लेसमेंट के जरिए मौजूदा पदों को भरना चाहते हैं।
जॉब प्लेटफॉर्म के अनुसार, आईटी, बिजनेस डेवलपमेंट और ऑपरेशंस फंक्शन जैसी नौकरियों को इस भर्ती में प्रमुखता मिल सकती है। रिपोर्ट में बताया गया कि एआई के कारण नौकरियों के नुकसान की चल रही चर्चा के बावजूद, 87 प्रतिशत नियोक्ता समग्र रोजगार पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं देखते हैं। हालांकि, 13 प्रतिशत का मानना है कि एआई उभरती हुई नौकरियों के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन क्षेत्रों को सबसे ज्यादा फायदा होने की संभावना है, उनमें आईटी (42 प्रतिशत), एनालिटिक्स (17 प्रतिशत) और बिजनेस डेवलपमेंट (11 प्रतिशत) शामिल हैं, जहां नियोक्ता नए एआई-संचालित अवसरों के बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं। मजबूत नियुक्ति भावना विशिष्ट तकनीकी भूमिकाओं की मांग से प्रेरित है, जहां 37 प्रतिशत नियोक्ता आईटी पदों पर नियुक्ति की योजना बना रहे हैं। 4-7 साल के अनुभव वाले मध्यम-स्तरीय पेशेवरों की सबसे ज्यादा मांग है, और 47 प्रतिशत नियोक्ता इस अनुभव बैंड में नियुक्ति की योजना बना रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रवेश स्तर के उम्मीदवारों (3 साल तक) की नियुक्ति 29 प्रतिशत नियोक्ता करना चाहते हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि केवल 17 प्रतिशत नियोक्ता 8-12 वर्ष के अनुभव वाले पेशेवरों को नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं, जबकि केवल 3 प्रतिशत नियोक्ता 13-16 वर्ष के अनुभव वाले पेशेवरों को नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं। यह रिपोर्ट 1,300 से अधिक नियोक्ताओं से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार की गई है।
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बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई 2025 में भारत की बेरोजगारी दर घटकर 5.2 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि पिछले तीन महीनों में सबसे कम है। इससे पहले जून महीने में बेरोजगारी दर 5.6 प्रतिशत रही थी। मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में नौकरियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। नई औद्योगिकी जैसे आईटी, टेलिकॉम, मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल सेक्टर ने रोजगार के आंकड़े को बढ़ाया है। हालांकि, गांव के मुकाबले शहरों में बेरोजगारी ज्यादा है। छोटे और मध्यम उद्योगों में भी भर्तियां बढ़ी हैं, जिससे गांव और कस्बों में रोजगार का स्तर सुधरा है।