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Rupees 2000 Notes: वापस लिए जाने की घोषणा के सवा दो साल बाद भी 2,000 रुपये के कुल 5,956 करोड़ रुपये मूल्य के नोट अभी भी चलन में हैं। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बयान में कहा कि 31 अगस्त तक चलन में मौजूद 2000 रुपये के नोटों का कुल मूल्य 5,956 करोड़ रुपये था जबकि 19 मई, 2023 को इन्हें चलन से बाहर किए जाने की घोषणा के समय इस मूल्य वर्ग के कुल 3.56 लाख करोड़ रुपये के नोट प्रणाली में मौजूद थे।
आरबीआई ने कहा कि इस तरह 2,000 रुपये मूल्य के 98.33 प्रतिशत नोट अब तक वापस आ चुके हैं। हालांकि, 2000 रुपये के नोट अब भी वैध मुद्रा बने हुए हैं और उनका लेन-देन आधिकारिक तौर पर अवैध नहीं है। नवंबर, 2016 में नोटबंदी की घोषणा के बाद 2,000 रुपये के नोट जारी किए गए थे।
आरबीआई के अनुसार, इन नोटों को बदलने की सुविधा 19 मई 2023 से उसके 19 निर्गम कार्यालयों में उपलब्ध है। इसके अलावा, नौ अक्टूबर 2023 से इन कार्यालयों में व्यक्ति या संस्थाएं 2,000 रुपये के नोट अपने बैंक खातों में जमा भी करा सकती हैं। इसके अलावा आम नागरिक देश के किसी भी डाकघर से 2,000 रुपये के नोट भारतीय डाक सेवा के माध्यम से अपने बैंक खातों में जमा कराने के लिए आरबीआई कार्यालयों को भेज सकते हैं।
आरबीआई के निर्गम कार्यालय अहमदाबाद, बेंगलुरु, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना और तिरुवनंतपुरम में स्थित हैं।
आम लोगों के लिए इन नोटों को बैंकों में जमा कराने की अंतिम तारीख 07 अक्टूबर 2023 थी। उसके बाद 09 अक्टूबर 2023 से केंद्रीय बैंक के 19 इश्यू ऑफिसों पर इसे लोग अपने बैंक खातों में जमा करवा रहे हैं। लोग भारतीय डाक के माध्यम से भी इन नोटों को आरबीआई के इश्यू कार्यालयों पर भेज कर अपने बैंक खातों में जमा करा रहे हैं। आरबीआई ने साफ किया है कि 2000 रुपये के नोट अब भी पूरी तरह वैध हैं, लेकिन उनका इस्तेमाल लेन देन के लिए नहीं किया जा सकता है।
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RBI ने नवंबर 2016 में 2000 रुपये का नोट जारी किया था। सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया था ताकि उस समय बाजार में मौजूद 500 और 1000 रुपये की जो करंसी नोटबंदी के तहत हटाई गई थी,उससे अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को कम किया जा सके। आरबीआई के मुताबिक 2000 के करीब 89% नोट मार्च 2017 से पहले ही जारी हो गए थे। सरकार का कहना है कि ये नोट चार-पांच साल तक अस्तित्व में रहने की उनकी सीमा पार कर चुके हैं या पार करने वाले हैं। ये भी एक बड़ी वजह है जिसकी वजह से 2000 के नोट को सरकार बैन करने का फैसला किया है।