तेजस्वी यादव (सोर्स- सोशल मीडिया)
Tejashwi Yadav News: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी के से पहले ही ‘हाइड्रोजन बम’ फोड़ने वाले हैं। रविवार को 1 पोलो रोड स्थित अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में तेजस्वी ने कुछ ऐसा कहा है जिससे नीतीश कुमार के मंत्रियों की जान सांसत में है।
तेजस्वी ने नीतीश कुमार सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है। कोई भी विभाग घोटाले से अछूता नहीं है। मुख्यमंत्री को आगे आकर इस सवाल का जवाब देना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार में भ्रष्ट अधिकारी जदयू-भाजपा से भी ज्यादा डरे हुए हैं। खासकर डीके गिरोह की छत्रछाया में काम करने वाले खासे परेशान हैं। इन्हीं अधिकारियों ने पिछली बार विपक्ष को सत्ता में आने से रोका था। लेकिन इस बार जनता सतर्क और सजग है। महागठबंधन की सरकार बनते ही ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की खैर नहीं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि इंजीनियर के घर करोड़ों की संपत्ति मिल रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अधिकारी और मंत्री अपने बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों के नाम पर देश-विदेश में निवेश कर रहे हैं। उनके पास इन सबकी सूची है, जिसका खुलासा आने वाले दिनों में किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने एक जनसभा में 31 घोटाले गिनाए थे। अगर उनके पास ईडी और सीबीआई है, तो वे कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं?
प्रशांत किशोर ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि मंत्री अशोक चौधरी ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की जमीन खरीदी। यह सारी जमीन अशोक चौधरी की बेटी की सगाई और शादी के बीच खरीदी गई थी। प्रशांत के आरोपों के जवाब में अशोक चौधरी ने उन्हें 100 करोड़ रुपये का मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा था। पीके ने इसका जवाब दिया है।
पीके ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे पर दिलीप जायसवाल से पैसे लेकर मेडिकल कॉलेज की मान्यता दिलाने और अपनी पत्नी के नाम पर दिल्ली में एक फ्लैट खरीदने का आरोप लगाया। पांडे का जवाब मिलने के बाद उन्होंने कहा कि दिलीप जायसवाल से 25 लाख रुपये का लोन लेने की बात कर रहे हैं, जबकि उनकी पत्नी के बैंक खाते में 2.13 करोड़ रुपये थे। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि यह पैसा कहां से आया।
उन्होंने दिलीप जायसवाल पर अल्पसंख्यक मेडिकल कॉलेज पर अवैध कब्जा करने और राजेश साह की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कॉलेज में नेताओं और अधिकारियों के रिश्तेदारों को दाखिला देकर डॉक्टर बनाया गया। उन्होंने राजेश साह हत्याकांड को दबाने के लिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक और जांच अधिकारी के साथ मिलीभगत की।
प्रशांत किशोर ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर सातवीं कक्षा पास होने के बावजूद बार-बार नाम बदलने और धोखाधड़ी से डी.लिट. की डिग्री हासिल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कामराज विश्वविद्यालय से स्नातक होने का दावा किया, जिसका अस्तित्व ही नहीं है। उन्होंने मैट्रिक भी पास नहीं किया और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से डी.लिट. की डिग्री हासिल की।
पीके ने आरोप लगाया कि सांसद संजय जायसवाल ने एक पेट्रोल पंप के लिए चार लेन वाली सड़क का अलाइनमेंट बदल दिया। उन्होंने उन पर नगर निगम के नाम पर फर्जी बिल बनाकर अपने भाई के पंप से ईंधन की हेराफेरी करने का भी आरोप लगाया।
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पीके ने बताया कि नगर निगम ने नगर निगम के सफाई वाहनों के बिलों के नाम पर पेट्रोल पंप को 5.86 करोड़ रूपये का भुगतान किया। स्थायी समिति की पांच बैठकों में यह बात सामने आई कि इनमें से ज्यादातर भुगतान धोखाधड़ी और बढ़ा-चढ़ाकर किए गए थे। 15 अगस्त से उनके भाई के पंप से ईंधन की खरीदारी पर रोक लगा दी गई है।