चुनाव का काम न करने को विरोध में छत पर चढ़ा युवक (फोटो- सोशल मीडिया)
पटना: बिहार में BLO ड्यूटी को लेकर एक शिक्षक के विरोध ने प्रशासन को सोचने पर मजबूर किया है, सीवान जिले के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हारून रशीद ने चुनावी कार्य करने से मना कर दिया। जब अधिकारियों ने उनसे कारण पूछा, तो वे स्कूल की छत पर चढ़ गए और आत्महत्या की धमकी देने लगे। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिसमें बच्चों की चीख-पुकार और शिक्षकों की घबराहट भी देखी जा सकती है।
तरवारा प्रखंड के काजी टोला स्थित उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय के शिक्षक हारून रशीद को मतदान केंद्र संख्या 65 का BLO नियुक्त किया गया था। लेकिन उन्होंने पुनर्निरीक्षण संबंधी गणना प्रपत्र नहीं लिए और जब पंचायत सचिव रत्नेश कुमार ने उनसे कारण पूछा, तो उन्होंने खुले शब्दों में चुनावी कार्य करने से इनकार कर दिया। इसके तुरंत बाद वे स्कूल की छत पर चढ़ गए और आत्महत्या की चेतावनी दी, जिससे पूरे विद्यालय परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
विपक्षी दलों के साथ अब शिक्षकों का भी विरोध
बिहार में हाल ही में निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के पुनर्निरीक्षण का आदेश दिया है। इस निर्णय का विरोध विपक्षी दलों के साथ-साथ अब शिक्षकों के बीच भी देखा जा रहा है। विपक्ष ने 9 जुलाई को चक्का जाम का ऐलान कर दिया है और यह मामला उसी जनविरोध के असर का एक उदाहरण माना जा रहा है। शिक्षक संघ भी इस तरह की नियुक्तियों पर सवाल उठा रहे हैं और चुनावी कार्यों में शिक्षक नियुक्ति को “असंगत” बता रहे हैं।
वेतन रोका गया, जांच शुरू
इस मामले में BLO पर्यवेक्षक ने शिक्षक हारून रशीद के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। सीवान प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी वैभव शुक्ला ने 24 घंटे में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। तब तक शिक्षक का वेतन रोक दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि प्राथमिक जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
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यह मामला चुनावी कार्यों में जबरन शिक्षकों को लगाने की व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा करता है, साथ ही प्रशासन और चुनाव आयोग को इस तरह की नियुक्तियों की संवेदनशीलता पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करता है।