बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फोटो- सोशल मीडिया)
Bihar में नीतीश कुमार सरकार की कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। कैबिनेट बैठक में छात्रवृत्ति को दोगुना, महंगाई भत्ता बढ़ाने और ANM कर्मियों के मानदेय में इजाफा जैसे अहम फैसलों को मंजूरी दे दी गई है।
बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री बालक-बालिका प्रोत्साहन योजना के तहत दी जाने वाली छात्रवृत्ति को अब दोगुना कर दिया है। साथ ही, कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 3% बढ़ाकर 58% कर दिया गया है। वहीं, ANM कर्मियों का मासिक मानदेय 11,500 से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दिया गया है।
बिहार सरकार की कैबिनेट बैठक में कुल 129 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। यह बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई, जिसमें तमाम विभागों के मंत्री शामिल थे। बैठक में लिए गए फैसलों को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।
शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी देते हुए छात्रवृत्ति की राशि को दोगुना कर दिया है। इसका फायदा पहली से दसवीं तक पढ़ने वाले सभी वर्गों के छात्र-छात्राओं को मिलेगा।
कक्षा | पहले की राशि | नई राशि |
---|---|---|
1 से 4 | ₹600 | ₹1200 |
5 से 6 | ₹1200 | ₹2400 |
7 से 8 | ₹1800 | ₹3600 |
9 से 10 | ₹1800 | ₹3600 |
यह छात्रवृत्ति मुख्यमंत्री बालक-बालिका योजना के तहत दी जाएगी। सरकार के मुताबिक यह कदम आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए पढ़ाई जारी रखने में मददगार साबित होगा।
कैबिनेट ने केंद्र के सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप महंगाई भत्ते (DA) में 3% की वृद्धि को भी मंजूरी दी है। अब यह 58% हो गया है। इसका फायदा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों दोनों को मिलेगा। इससे लाखों परिवारों की मासिक आमदनी में इजाफा होगा।
राज्य के शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान से जुड़े ANM कर्मियों के लिए भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब इनका मानदेय ₹11,500 से बढ़ाकर ₹15,000 किया गया है। साथ ही हर साल 5% वार्षिक बढ़ोतरी भी तय की गई है।
छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत बिहार सरकार ने साल 2013 में की थी, लेकिन पहली बार राशि को सीधे दोगुना किया गया है। यह बढ़ोतरी ऐसे समय में आई है जब महंगाई बढ़ रही है और गरीब तबके के छात्र संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं।
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बिहार सरकार का यह फैसला न केवल सामाजिक कल्याण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि इसे आगामी चुनावों से पहले लोकलुभावन रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है। छात्रों से लेकर कर्मचारी वर्ग तक, नीतीश सरकार ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है।